क्या दिल्ली हाई कोर्ट ने अजय देवगन के एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो पर रोक लगाई?

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क्या दिल्ली हाई कोर्ट ने अजय देवगन के एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो पर रोक लगाई?

सारांश

दिल्ली हाई कोर्ट ने अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बिना अनुमति के उनके नाम और छवि का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। क्या यह फैसला बॉलीवुड के लिए एक नई दिशा तय करेगा?

Key Takeaways

  • अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण है।
  • बिना अनुमति के नाम और छवि का उपयोग गैरकानूनी है।
  • डीपफेक वीडियो से प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को जिम्मेदारी समझनी होगी।
  • भविष्य में औपचारिक शिकायत अनिवार्य होगी।

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि अभिनेता की तस्वीरों, वीडियो और अन्य व्यक्तिगत सामग्री का उनकी अनुमति के बिना उपयोग नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने विशेष रूप से यह रोक लगाई है कि किसी भी व्यक्ति या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से उनके नाम और छवि का गलत या अनुचित उपयोग न किया जाए।

इस मामले की सुनवाई के दौरान, अजय देवगन के वकील ने कोर्ट को बताया कि एक यूट्यूबर उनके नाम और चेहरे का इस्तेमाल कर अश्लील और अपमानजनक एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो बना रहा है। उन्होंने कहा कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और मार्केटप्लेस पर अभिनेता की तस्वीरों और नाम के साथ पोस्टर, टी-शर्ट और कैप बिना अनुमति के बेचे जा रहे हैं।

अभिनेता के वकील ने कोर्ट को बताया कि डीपफेक वीडियो और सामग्री केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अभिनेता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनके मोरल राइट्स का उल्लंघन कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई केवल अश्लील, डीपफेक और अनुचित सामग्री पर होगी। साधारण तस्वीरों या फैन पेजों पर सामान्य पोस्टों को हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता। यदि हर सामान्य पोस्ट पर कार्रवाई की जाती है, तो सभी फैन पेजों को हटाना पड़ेगा और अभिनेता को अपनी पूरी डिजिटल उपस्थिति को हटाना होगा।

कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अभिनेता ने पहले यूट्यूब या अन्य प्लेटफॉर्म्स से सीधे संपर्क करके शिकायत दर्ज कराई थी?

अभिनेता की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि डीपफेक वीडियो में उनकी फिल्मों के क्लिप्स और व्यक्तिगत छवियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'अजय देवगन' अभिनेता का रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क नाम है और इसका बिना अनुमति उपयोग गैरकानूनी है। कोर्ट ने इस पर ध्यान देते हुए आदेश दिया कि ऐसे सभी वीडियो और अश्लील सामग्री को तुरंत हटाया जाए। साथ ही निर्देश दिए कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को दो हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देना होगा।

कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में पहले प्लेटफॉर्म या संबंधित व्यक्ति से औपचारिक शिकायत दर्ज कराना अनिवार्य होगा।

Point of View

बल्कि सभी कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण है। यह कलाकारों के अधिकारों और प्रतिष्ठा की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद है कि इससे अन्य प्लेटफॉर्म भी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और कलाकारों के अधिकारों का सम्मान करेंगे।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली हाई कोर्ट का यह आदेश क्यों आया?
दिल्ली हाई कोर्ट ने अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए यह आदेश दिया है, ताकि बिना अनुमति के उनके नाम और छवि का उपयोग न किया जा सके।
डीपफेक वीडियो क्या हैं?
डीपफेक वीडियो ऐसे वीडियो होते हैं जिनमें किसी व्यक्ति की छवि या आवाज का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वह किसी अन्य व्यक्ति की तरह दिखता है।
क्या इस आदेश का अन्य कलाकारों पर भी असर पड़ेगा?
हां, यह आदेश अन्य कलाकारों के लिए भी एक मिसाल स्थापित करेगा, जिससे उनकी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
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