क्या महेश भट्ट के खुलासों ने फिर मचाई हलचल?

सारांश
Key Takeaways
- महेश भट्ट का जीवन और उनके अनुभव हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं।
- उन्होंने अपने खुलासों से इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है।
- उनकी फिल्में रिश्तों और संवेदनाओं को गहराई से छूती हैं।
- सोशल मीडिया पर उनके बयान अक्सर विवादित होते हैं।
- महेश भट्ट का बेबाक अंदाज उन्हें विशेष बनाता है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट का नाम हमेशा बेबाकी और स्पष्टता के साथ जुड़ा रहा है। उनकी फिल्में 'अर्थ' और 'जख्म' रिश्तों और भावनाओं को गहराई से छूती हैं, लेकिन असल जिंदगी में भट्ट साहब की कहानियां उनकी फिल्मों से भी ज्यादा नाटकीय रही हैं।
हाल ही में उन्होंने बेटी पूजा भट्ट के पॉडकास्ट में जो कहा उसने नया बवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि संघर्ष के दिनों में उन्होंने तांत्रिक के कहने पर एक निवेशक को मानव मांस खिलाया था। यह सुनते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। लोग पूछने लगे—“क्या ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट है या सच?” भट्ट साहब की बेबाकी ने हमेशा लोगों को चौंकाया है, और यह उनका सिर्फ एक नया किस्सा है।
यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब महेश भट्ट ने सबको हैरान किया हो। याद करें 1980 के दशक को। 'अर्थ' बनाते समय उन्होंने अपनी निजी जिंदगी और विवादित रिश्तों को फिल्म की कहानी में उतार दिया था। फिल्म रिलीज होने के बाद, लोग उनकी बेबाकी और आत्मकथात्मक अंदाज को देख दंग रह गए थे।
1993 में परवीन बाबी संग अपने रिश्तों को लेकर 'फिर तेरी कहानी याद आई' बनाई तो लोगों ने लानत-मलामत भी दी और दिलेरी को सराहा भी।
1998 में महेश भट्ट ने 'जख्म' बनाई। मुस्लिम मां और हिंदू पिता के संबंधों को खोलकर रख दिया था। एक छोटे से बच्चे से युवा निर्माता-निर्देशक बनने की कहानी लोगों के दिलो दिमाग पर छा गई। फिल्म को बनाने में आ रही दिक्कतों को लेकर भी बड़ा खुलासा किया था। कहा था कि उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में फिल्मों के लिए ऋण लेने में काफी दिक्कतों का सामना किया। बताया था कि निवेशकों से लड़ना बहुत मुश्किल पाया था। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए 'कभी-कभी रणनीति, कभी-कभी बहादुरी' दिखानी पड़ती है।
एक और किस्सा उनके निजी जीवन से जुड़ा है। महेश भट्ट ने सार्वजनिक रूप से अपने रिश्तों, तलाक और प्रेम जीवन के बारे में भी कई खुलासे किए। बेटी पूजा भट्ट को लेकर दिए बयान ने उस दौर में तहलका मचा दिया था। फिल्मी पत्रिका के कवर पेज पर पिता-पुत्री की छपी तस्वीर लोगों को बेहद आपत्तिजनक लगी थी। लेकिन भट्ट साहब तो किसी और ही मिजाज के हैं! उन्होंने सफाई देने में कभी यकीन नहीं रखा। उनके खुलासे सुनकर लोग कहते हैं—“भट्ट साहब अपनी फिल्मों की तरह असल जिंदगी में भी ड्रामा पसंद करते हैं।”
इन सभी किस्सों से साफ है कि महेश भट्ट सिर्फ फिल्म निर्माता नहीं हैं; वे इंडस्ट्री के सबसे बेबाक कथाकार और जीवंत कलाकार भी हैं। चाहे उनकी फिल्में कमाल करें या न करें, उनके जीवन के किस्से हमेशा चर्चा में रहते हैं और हर नया बयान उनकी जिंदगी की एक और परत खोल देता है।
असली बात यह है कि भट्ट साहब की बेबाकी ही उन्हें समय और पीढ़ियों से अलग पहचान देती रही है। उनके किस्से चौंकाने वाले तो होते ही हैं साथ ही विवादास्पद और मनोरंजक भी। ऐसे जिनको प्रशंसक हों या आलोचक, उनके लिए नजरअंदाज करना मुश्किल है।