क्या रेणुकास्वामी मर्डर केस में दर्शन और पवित्रा गौड़ा की कोर्ट में पेशी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- दर्शन और पवित्रा गौड़ा सहित सभी आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए।
- अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।
- रेणुकास्वामी की हत्या का मामला कर्नाटक में चर्चा का विषय बना हुआ है।
- पुलिस ने 3,991 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।
- जेल में दर्शन की समस्याएँ भी कोर्ट में उठाई गईं।
बेंगलुरु, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रेणुकास्वामी मर्डर केस ने कर्नाटक में भारी हलचल पैदा कर दी है। इस मामले में कन्नड़ फिल्म उद्योग के चर्चित अभिनेता दर्शन और उनकी साथी पवित्रा गौड़ा सहित कई अन्य व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें फिल्म इंडस्ट्री के कई प्रमुख नाम सम्मिलित हैं। हाल ही में, बेंगलुरु के ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
इस सुनवाई में सभी आरोपी उपस्थित हुए। दर्शन, पवित्रा गौड़ा और अन्य छह आरोपियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि बाकी आरोपी व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहे। अदालत ने सीआरपीसी की धारा 294 के तहत मामले की सुनवाई की।
गौरतलब है कि सीआरपीसी की धारा 294 उन दस्तावेजों से संबंधित है जिनके लिए औपचारिक प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है, जब तक कि विरोधी पक्ष उनसे आपत्ति न करे। इस धारा का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को तेज करना और अदालतों का समय बचाना है।
सुनवाई के दौरान, पवित्रा गौड़ा के वकील नारायणस्वामी ने अदालत में दलील दी कि विशेष आवेदन को इस चरण में नहीं लिया जा सकता। वहीं, जेल से संबंधित कुछ समस्याओं पर भी चर्चा हुई। आरोपी नागराज ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके घर से आई बेडशीट उन्हें प्रदान की जाए।
दर्शन ने भी जेल से जुड़ी परेशानियों को अदालत के समक्ष रखा, जिसमें उन्होंने बताया कि रात में बहुत ठंड होती है और नींद नहीं आती है। उन्होंने कहा कि जो सामान उनके वकील लेकर आते हैं, उसे भी जेल में नहीं दिया जा रहा। दर्शन ने अदालत से मदद मांगी और कहा कि इस स्थिति में सभी कैदियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस पर अदालत ने जेल सुपरिटेंडेंट शंकर को फटकार लगाई। जज ने कहा कि नियमों के अनुसार जो आवश्यक चीजें दी जा सकती हैं, उन्हें प्रदान करने में क्या समस्या है? खासकर इतनी ठंड में कंबल प्रदान करने से क्यों मना किया जा सकता है? अदालत ने स्पष्ट किया कि कैदियों के साथ उचित व्यवहार होना चाहिए और जो सुविधाएं उन्हें मिलनी चाहिए, वो उन्हें मिलनी चाहिए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की है।
यह ध्यान देने योग्य है कि दर्शन के प्रशंसक रेणुकास्वामी की हत्या 8 जून 2024 को बेंगलुरु में हुई थी। रेणुकास्वामी को उनके शहर चित्रदुर्ग से अपहरण कर बेंगलुरु लाया गया और एक शेड में बंद करके बेरहमी से मारा गया। हत्या के बाद उनका शव नाले में फेंक दिया गया। यह घटना तब सामने आई जब एक अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्डों की टीम ने देखा कि कुत्तों का झुंड शव को खींच रहा है।
इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने अदालत में 3,991 पन्नों की चार्जशीट प्रस्तुत की है। चार्जशीट के अनुसार, रेणुकास्वामी ने पवित्रा गौड़ा के साथ रहने की मांग की थी। जांच में यह भी सामने आया कि दर्शन ने रेणुकास्वामी पर बार-बार हमला किया।
पुलिस ने इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सबूत भी इकट्ठा किए हैं, जिसमें दर्शन की तस्वीरें शामिल हैं, जिसमें वह हत्या के बाद तनाव में घूमते हुए और अन्य आरोपियों से होटल में बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कुल मिलाकर पुलिस ने इस मामले में 65 तस्वीरें और कई दस्तावेज एकत्र किए हैं। इस मामले में 11 जून को दर्शन, पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद दर्शन को बेंगलुरु सेंट्रल जेल में रखा गया है।