क्या अनिल शर्मा ने धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म 'इक्कीस' देखकर भावुकता व्यक्त की?
सारांश
Key Takeaways
- धर्मेंद्र की फिल्म 'इक्कीस' में गहरी भावनाएं हैं।
- फिल्म का आधार 1971 के युद्ध पर है।
- अनिल शर्मा और मुकेश छाबड़ा की प्रशंसा महत्वपूर्ण है।
- कहानी सरल लेकिन प्रभावशाली है।
- फिल्म के युवा कलाकारों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
मुंबई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही फिल्म उद्योग नए साल के स्वागत की तैयारियों में जुटा है, धर्मेंद्र की अंतिम फिल्म 'इक्कीस' के बारे में चर्चा बढ़ती जा रही है। 29 दिसंबर को मुंबई में इस फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया, जिसमें सलमान खान, सनी देओल, बॉबी देओल और रेखा जैसी प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं। इस स्क्रीनिंग के बाद फिल्म को लेकर कई भावनात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं।
इस क्रम में प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक और लेखक अनिल शर्मा और कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने एक दिल को छू लेने वाला पोस्ट साझा किया।
फिल्म देखने के बाद अनिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''जब मैंने धर्मेंद्र जी को पर्दे पर देखा तो मेरा दिल भर आया। उन्हें नम आंखों से देखना एक अलग ही अनुभव था। धर्मेंद्र ने फिल्म में ऐसा अभिनय किया है, जिसमें गरिमा और गहराई दोनों हैं। उनके जैसे कलाकार बहुत कम होते हैं जो बिना ज्यादा बोले भी बहुत कुछ कह जाते हैं।''
अनिल शर्मा ने फिल्म की टीम को बधाई दी और कहा, ''निर्माता, तकनीशियन और उन कलाकारों को बधाई, जिन्होंने इस फिल्म को बनाने में मदद की। धर्मेंद्र जी हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे। अगस्त्य नंदा का अभिनय भी सच्चा और प्रभावशाली था।''
अनिल शर्मा के अलावा, कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने भी 'इक्कीस' के बारे में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, ''मैंने 'इक्कीस' देखी, यह फिल्म दिल से बनी है। कहानी सरल और प्रभावशाली है। यह खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक मन में बनी रहती है।''
मुकेश छाबड़ा ने धर्मेंद्र के अभिनय को बेहद गरिमापूर्ण बताया और कहा कि यदि यह उनकी आखिरी फिल्म है, तो इससे बेहतर विदाई नहीं हो सकती। उन्होंने जयदीप अहलावत के काम की भी प्रशंसा की और फिल्म को उम्मीद से कहीं ज्यादा खास बताया।
मुकेश छाबड़ा ने फिल्म के युवा कलाकारों पर भी चर्चा की। उन्होंने लिखा, ''अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया, दोनों ही स्क्रीन पर बहुत सहज और सुंदर लगे। उनकी प्यारी आंखें और मनमोहक केमिस्ट्री कमाल की थी। अगस्त्य की मासूमियत और ईमानदारी सचमुच चमक उठी। विवान शाह और सिकंदर खेर का काम भी शानदार था, और सबसे बढ़कर निर्देशक श्रीराम राघवन सर ने एक बार फिर दिल को छू लिया। उन्होंने सच्ची कहानी को बड़े सादे अंदाज में पेश किया है।''
फिल्म 'इक्कीस' की कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। यह एक युद्ध नाटक है, जो सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की सच्ची कहानी को दर्शाती है। अरुण खेत्रपाल परमवीर चक्र विजेता थे। उन्होंने केवल 21 वर्ष की आयु में देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इसी कारण फिल्म का नाम 'इक्कीस' रखा गया है। फिल्म में अरुण खेत्रपाल की भूमिका अगस्त्य नंदा ने निभाई है, जबकि धर्मेंद्र उनके पिता के किरदार में हैं।
पहले यह फिल्म 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज तिथि बदलकर 1 जनवरी 2026 कर दी गई है।