क्या मोहक मटकर ने राजस्थानी कठपुतली डांस सीखकर नई चुनौती ली?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थानी कठपुतली डांस को सीखना एक अद्भुत अनुभव है।
- सरू का किरदार सहनशीलता का प्रतीक है।
- पारंपरिक कला को अपनाना वर्तमान पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है।
- डांस के माध्यम से संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।
- कुशल कॉस्ट्यूम टीम के साथ काम करना आवश्यक है।
मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। टीवी की प्रसिद्ध अदाकारा मोहक मटकर ने अपने शो 'सरू' के नवीनतम एपिसोड के लिए राजस्थानी कठपुतली डांस सीखने का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ शानदार भी रहा। कठपुतली डांस को सीखने के लिए उन्हें अपनी आरामदायक जिंदगी से बाहर निकलना पड़ा।
मोहक ने कहा, "सरू का किरदार मेरे लिए बेहद खास है। यह डांस का सीक्वेंस भी मेरे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दर्शक सरू का एक नया पहलू देख पाएंगे। मुझे डांस से हमेशा प्यार रहा है, और मैं क्लासिकल डांस भी करती हूं, इसलिए यह नया डांस स्टाइल सीखना मेरे लिए मजेदार अनुभव था।"
उन्होंने बताया कि राजस्थानी कठपुतली डांस में सारा खेल हाथों और कहानी बताने वाले भावों का होता है।
मोहक ने कहा, "मुझे खुशी है कि सरू के किरदार में इस राजस्थानी डांस को जोड़ा गया; इससे मुझे हमारी परंपरा को अपनाने का मौका मिला। हाथों के इशारे और कठपुतली का डांस हर कदम पर राजस्थान की समृद्ध लोक संस्कृति को दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस डांस के लिए मैंने कॉस्ट्यूम टीम के साथ भी करीब से काम किया, ताकि मेरे किरदार सरू का लुक पूरी तरह से असली और सही लगे। हर छोटी चीज का खास ध्यान रखा गया। मुझे खुशी है कि दर्शक इस खूबसूरत संस्कृति और कहानी कहने के अंदाज को देखेंगे।"
इससे पहले एक इंटरव्यू में मोहक मटकर ने सीरियल को लेकर बात करते हुए कहा, "यह मेरा पहला लीड रोल है। जब मैंने शो की स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे पता था कि यह वो कहानी है, जिसका हिस्सा मैं बनना चाहती थी! 'सरू' सिर्फ एक शो या किरदार नहीं है। वह सहनशीलता और अटूट हौसले का प्रतीक है। मुझे उम्मीद है कि मैं 'सरू' और उसके मुश्किल सफर के जरिए दूसरों को अपनी आवाज खोजने के लिए प्रेरित कर सकूंगी।"
टीवी धारावाहिक 'सरू' रोजाना जी टीवी पर प्रसारित होता है।