क्या महेश भट्ट ने कुणाल खेमू के पिता को फोन किया? अभिनेता ने सुनाया 'जख्म' फिल्म का मजेदार किस्सा
सारांश
Key Takeaways
- 'जख्म' ने कुणाल खेमू के करियर को नया मोड़ दिया।
- महेश भट्ट ने उन्हें एक गंभीर कलाकार के रूप में पहचाना।
- यह फिल्म कुणाल के आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक रही।
- भट्ट परिवार ने कुणाल के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 'जख्म' कई मायनों में खास थी।
मुंबई, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड अभिनेता कुणाल खेमू वर्तमान में अपनी आने वाली वेब सीरीज 'सिंगल पापा' के प्रचार में व्यस्त हैं। राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान, कुणाल ने एक ऐसी फिल्म का जिक्र किया, जिसने न केवल उनके अभिनय करियर को एक नई दिशा दी, बल्कि एक कलाकार के रूप में उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया। यह फिल्म थी महेश भट्ट की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म 'जख्म'।
कुणाल ने कहा, ''फिल्म 'जख्म' मेरे करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आई। इससे पहले मुझे लगता था कि लोग मुझे एक कलाकार के रूप में नहीं, बल्कि मेरी मासूमियत और प्यारे चेहरे के कारण पसंद करते हैं।''
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, '''हम हैं राही प्यार के' जैसी फिल्मों में लोग अक्सर मेरे डायलॉग्स पर हंसते थे और मुझे एक क्यूट बच्चे के रूप में देखते थे। मैं समझ नहीं पाता था कि उनकी प्रशंसा में अभिनय कितना है और बच्चों वाली क्यूटनेस कितनी। लेकिन, 'जख्म' ने मेरी इस दुविधा को समाप्त कर दिया। पहली बार मुझे एहसास हुआ कि दर्शक और फिल्म निर्माता मुझे एक गंभीर और सशक्त कलाकार के रूप में देख रहे हैं। यही वो अनुभव था जिसने मेरे भीतर यह विश्वास जगाया कि मैं एक्टिंग को सच में समझता और निभाता हूँ।''
कुणाल ने 'जख्म' के साथ जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा, ''महेश भट्ट साहब मेरे करियर में हमेशा प्रेरणा और सहयोग का स्रोत रहे हैं। वे उन लोगों में से हैं, जो एक कलाकार की छिपी प्रतिभा को पहचानते हैं और उसे बाहर लाने की हिम्मत देते हैं। 'जख्म' के बाद, भट्ट साहब ने मुझे 'कलयुग' जैसी फिल्म में दोबारा कास्ट किया। यह वो समय था, जब मैं खुद को एक अभिनेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। भट्ट परिवार की यह मदद मेरे लिए बेहद खास रही।''
'जख्म' अपने समय में कई मायनों में खास थी। कुणाल ने बताया कि यह महेश भट्ट की बतौर निर्देशक आखिरी फिल्म थी, जब तक कि वे बाद में 'सड़क 2' के साथ वापस नहीं आए। यह पूजा भट्ट की भी एक लंबे समय के लिए आखिरी फिल्म थी बतौर अभिनेत्री। दिलचस्प बात यह है कि यह कुणाल खेमू की भी आखिरी फिल्म थी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट। तीनों के करियर में इस फिल्म ने एक नया मोड़ दिया और इसी कारण इसके साथ जुड़ी यादें आज भी उतनी ही ताजा हैं।
कुणाल ने कहा, ''मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर बेहद खुश था। मुझे याद है कि महेश भट्ट ने मुझसे कई साल पहले ही कहा था कि वे एक फिल्म बनाना चाहते हैं और उसमें मुझे कास्ट करना चाहते हैं। उस समय मुझे लगा कि शायद भट्ट साहब मजाक कर रहे हैं। जब 'जख्म' बनने लगी, तब मुझे पता चला कि वे वास्तव में अपने शब्दों के प्रति कितने गंभीर थे। उस समय मैं दसवीं कक्षा में था और पढ़ाई के कारण ऐसा लग रहा था कि मैं फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाऊंगा। तभी, मुकेश भट्ट ने खुद मेरे घर फोन किया और मेरे पिता से अनुरोध किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर कुणाल इसमें नहीं होंगे, तो मैं यह फिल्म नहीं बनाऊंगा। यह सुनकर मैंने समझ लिया कि इस फिल्म में मेरा होना महेश भट्ट के लिए कितना महत्वपूर्ण था।''