क्या 'कैसी पहेली' को समझने की बजाय महसूस करने की आवश्यकता है?: रेखा

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क्या 'कैसी पहेली' को समझने की बजाय महसूस करने की आवश्यकता है?: रेखा

सारांश

क्या आपको पता है कि 'कैसी पहेली' गाने को समझने की बजाय महसूस करने की आवश्यकता है? रेखा ने इस गाने के बारे में अपनी भावनाएं साझा की हैं। आइए, जानते हैं इस क्लासिक फिल्म 'परिणीता' के बारे में और क्यों यह गाना आज भी खास है।

Key Takeaways

  • 'कैसी पहेली' केवल एक गाना नहीं, बल्कि एक अनुभव है।
  • रेखा ने इसे एक महत्वपूर्ण पल और माहौल बताया।
  • फिल्म 'परिणीता' 20 साल बाद फिर से रिलीज हो रही है।
  • संगीत और कहानी का तालमेल इस फिल्म को खास बनाता है।
  • विद्या बालन का किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया।

मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा की महान कृतियों में से एक 'परिणीता' एक बार फिर दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इस फिल्म के गानों को लोगों ने काफी सराहा है। इनमें से एक गाना है 'कैसी पहेली', जिसमें प्रसिद्ध अभिनेत्री रेखा ने परफॉर्म किया था। उन्होंने कहा कि यह गाना उनके लिए एक गहरा एहसास था।

गाने के बारे में रेखा ने कहा, "मेरे लिए 'कैसी पहेली' केवल एक गाना नहीं, बल्कि यह एक अनुभव, एक माहौल और जीवन का महत्वपूर्ण पल है। यह एक ऐसी महिला की कहानी सुनाता है जो अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेती है, जो स्वतंत्र है। इस गाने का वातावरण और अंदाज बेहद रहस्यमय और आकर्षक था।"

रेखा जी ने आगे कहा, "20 साल पहले भी यह गाना अनोखा था। इसकी धुन बेहद खास थी, और इसके बोल उस समय के अन्य गानों से बिल्कुल भिन्न थे। जब मैं उस सेट पर गई, तो मैंने खुद को एक जैज गायक की तरह महसूस किया। आज भी जब मैं इसे सुनती हूं, तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है… यह उन पहेलियों में से एक है जिन्हें समझने की आवश्यकता नहीं, बल्कि महसूस करने की जरूरत है।"

सुनिधि चौहान की सुरीली आवाज ने 'कैसी पहेली' को और भी जादुई बना दिया। इस गाने में रेखा ने रेट्रो परिधान पहना है। यह गाना फिल्म के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आता है और बिना शब्दों के ही कहानी को आगे बढ़ाता है।

हाल ही में, पीवीआर आईनॉक्स ने घोषणा की कि 'परिणीता' को 29 अगस्त को देशभर के कुछ चुनिंदा सिनेमाघरों में फिर से प्रदर्शित किया जाएगा। यह विशेष पुनः-प्रदर्शन केवल फिल्म की 20वीं वर्षगांठ का जश्न नहीं है, बल्कि अभिनेत्री विद्या बालन के सिनेमा में 20 साल की शानदार यात्रा और विनोद चोपड़ा फिल्म्स के 50 साल की उपलब्धियों को भी समर्पित है।

'परिणीता' प्रसिद्ध लेखक शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के 1914 में लिखे गए बंगाली उपन्यास पर आधारित है। विद्या बालन ने इसी फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अपने पहले ही किरदार के जरिए उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया था।

Point of View

बल्कि हमें जीवन के गहरे अर्थों पर भी विचार करने पर मजबूर करती हैं।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'कैसी पहेली' गाना आज भी प्रासंगिक है?
हाँ, यह गाना आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है और इसे एक अद्भुत अनुभव माना जाता है।
विद्या बालन का 'परिणीता' में क्या योगदान है?
विद्या बालन ने इस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की और अपने पहले ही किरदार से दर्शकों का दिल जीत लिया।