क्या ऐश्वर्या रजनीकांत ने अपने पिता रजनीकांत के समर्थन पर भावुक होकर कहा कि वह भाग्यशाली हैं?
सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'लाल सलाम' का प्रदर्शन एक सपने जैसा अनुभव था।
- रजनीकांत का समर्थन ऐश्वर्या के लिए प्रेरणा है।
- टीम की मेहनत और प्रतिबद्धता ने फिल्म को खास बनाया।
- फिल्म में रिश्तों और सामाजिक संदेशों की गहराई है।
- यह एक अनोखी यात्रा है जो ऐश्वर्या को हमेशा याद रहेगी।
मुंबई, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) 2025 ने कई अद्भुत पलों का साक्षी बना, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पल वह था जब निर्देशक ऐश्वर्या रजनीकांत अपनी फिल्म 'लाल सलाम' के प्रदर्शन के बाद मीडिया के सामने आईं और कहा कि उनकी फिल्म को इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया जाना उनके लिए किसी सपने के समान है।
उन्होंने कहा, ''मैं अब भी इस क्षण को पूरी तरह से समझ नहीं पा रही हूं, क्योंकि यह मेरे लिए एक अत्यंत खास और अविश्वसनीय अनुभव रहा। मेरी खुशी इसे व्यक्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि यह अवसर मेरे लिए कितना महत्वपूर्ण था। इस फिल्म का यहां तक पहुंचना मेरे लिए जैसे एक वरदान है।''
फिल्म की यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'लाल सलाम' बनाना आसान नहीं था। लंबे शूटिंग शेड्यूल, संसाधनों की कठिनाइयां और कहानी की संवेदनशीलता ने इस फिल्म को एक चुनौतीपूर्ण, किंतु सीख से भरी प्रक्रिया बना दिया।
उन्होंने कहा, ''मेरे पिता (रजनीकांत) हमेशा मेरे लिए एक मजबूत सहारा रहे हैं। हर कदम पर मुझे उनका समर्थन और विश्वास मिला, और इसी कारण मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानती हूं। मैं फिल्म के प्रोड्यूसर्स और ए.आर. रहमान का भी धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने न केवल इस फिल्म पर विश्वास किया बल्कि इसके संदेश को भी महत्व दिया।''
ऐश्वर्या ने बताया कि पूरी टीम इस फिल्म से भावनात्मक रूप से जुड़ गई। हर कलाकार और तकनीशियन ने इस प्रोजेक्ट में पूरी मेहनत की। उन्होंने कहा, ''कई लोग अपने सीन खत्म होने के बाद भी वापस सेट पर आते थे, केवल इस उम्मीद में कि शायद एक बेहतर शॉट लिया जा सके। इस तरह की प्रतिबद्धता ने फिल्म को खास बना दिया। मेरे लिए यह अनुभव एक उपलब्धि की तरह था। यह एक ऐसी यादों का खजाना है जो जीवन भर मेरे साथ रहेगा।''
उन्होंने फिल्म 'लाल सलाम' के बारे में बताया कि यह केवल एक खेल पर आधारित एक्शन ड्रामा नहीं है, बल्कि रिश्तों, भावनाओं और सामाजिक संदेशों से भरी एक कहानी है। 2024 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में विष्णु विशाल और विक्रांत मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि रजनीकांत ने इसमें एक कैमियो किया है, जो इस फिल्म की खास पहचान में से एक है।