क्या करियर के शिखर पर होते हुए टीवी छोड़ना आसान था? : करण टैकर

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क्या करियर के शिखर पर होते हुए टीवी छोड़ना आसान था? : करण टैकर

सारांश

करण टैकर ने अपने करियर के उतार-चढ़ाव के बारे में बताया। उन्होंने टीवी को छोड़ने के बारे में अपने फैसले को साझा किया और किस तरह उन्होंने नए माध्यम में कदम रखा। उनके अनुभव से पता चलता है कि धैर्य और सही समय पर निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण होता है।

Key Takeaways

  • सही समय पर फैसला लेना महत्वपूर्ण है।
  • टीवी का प्यार जल्दी मिलता है।
  • धैर्य और कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है।
  • संघर्ष से सीखना जरूरी है।
  • ईमानदारी से काम करना चाहिए।

मुंबई, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता करण टैकर का करियर भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो दर्शाता है कि सही समय पर लिया गया फैसला और धैर्य किस तरह एक कलाकार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। उनका सफर आसान नहीं रहा। राष्ट्र प्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में, करण टैकर ने करियर के बदलाव, संघर्ष और सीख के बारे में चर्चा की।

करण टैकर ने कहा, ''मेरा टीवी का सफर बेहद खूबसूरत रहा है। मैंने बतौर अभिनेता जो भी काम किया, उसे पूरे दिल से जिया। टीवी एक ऐसा माध्यम है जो कलाकार को बहुत जल्दी पहचान दिलाता है। यहां दर्शकों का प्यार भरपूर मिलता है और यह भी जल्दी समझ आ जाता है कि आपका काम लोगों को पसंद आ रहा है या नहीं। इसी वजह से मैं टीवी इंडस्ट्री का हमेशा आभारी रहूंगा।''

उन्होंने कहा, ''टीवी ने एक बड़ा दर्शक वर्ग दिया। घर-घर में पहचान मिलना, किरदारों के जरिए लोगों के दिलों से जुड़ना, यह सब टीवी की खासियत है। टीवी पर काम करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि दर्शकों की प्रतिक्रिया तुरंत सामने आ जाती है, जिससे कलाकार को अपने काम को बेहतर करने का मौका मिलता है।''

करण ने बताया कि उन्होंने टीवी को उस समय छोड़ा, जब वह अपने करियर के शिखर पर थे। यह फैसला भावनाओं में नहीं, बल्कि पूरी सोच-समझ के साथ लिया गया था।

उन्होंने कहा, ''मुझे लगा कि अगर मैं आगे किसी नए माध्यम में असफल भी होता हूं, तो भी लोग मुझे टीवी के लिए याद रखेंगे। जरूरत पड़ने पर टीवी में वापसी करना मुश्किल नहीं होगा। उस दौर में ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन नहीं था और कलाकारों के पास केवल टीवी और फिल्मों के ही विकल्प थे।''

टीवी छोड़ने के बाद करण के लिए रास्ता आसान नहीं रहा। उन्होंने बताया, ''मुझे अभिनय में दोबारा लौटने में पूरे सात साल लग गए। इस दौरान मैंने खुद से एक वादा किया था कि अगर मैं फिर से अभिनय करूंगा, तो केवल वही प्रोजेक्ट करूंगा, जो मुझे सच में पसंद आएंगे और मेरे करियर को एक नई दिशा देंगे। मैंने इस बीच होस्टिंग और अन्य प्रोजेक्ट्स में खुद को व्यस्त रखा।''

सफलता और असफलता को लेकर करण टैकर का नजरिया काफी संतुलित है। उन्होंने कहा, ''किसी भी काम का अंतिम परिणाम हमारे हाथ में नहीं होता। एक कलाकार के रूप में हम सिर्फ अपना सौ प्रतिशत दे सकते हैं। चाहे कोई प्रोजेक्ट हमें ऑफर किया गया हो या हमें ऑडिशन के जरिए मिला हो, मेहनत और ईमानदारी ही सबसे जरूरी होती है।''

Point of View

करण टैकर का सफर हमें यह सिखाता है कि सफलता केवल मेहनत से ही नहीं, बल्कि सही फैसले लेने से भी मिलती है। उनका अनुभव हमारे युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

करण टैकर ने टीवी क्यों छोड़ा?
करण ने टीवी को उस समय छोड़ा जब वह अपने करियर के शिखर पर थे। उन्होंने यह फैसला सोच-समझकर किया था।
करण टैकर का करियर कैसा रहा?
उनका करियर भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में प्रेरणादायक रहा है, जिसमें उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
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