क्या मीनाक्षी शेषाद्री ने करियर के शिखर पर पहुंचकर स्टारडम के शोर से दूरी बना ली? अब टेक्सास में सिखाती हैं नृत्य

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क्या मीनाक्षी शेषाद्री ने करियर के शिखर पर पहुंचकर स्टारडम के शोर से दूरी बना ली? अब टेक्सास में सिखाती हैं नृत्य

सारांश

क्या आपने मीनाक्षी शेषाद्री की अदाकारी और नृत्य कला के बारे में सुना है? जानिए कैसे उन्होंने 'दामिनी' जैसी फिल्म के बाद, स्टारडम को छोड़कर एक नई यात्रा शुरू की। आज वह टेक्सास में नृत्य सिखा रही हैं।

Key Takeaways

  • मीनाक्षी शेषाद्री का फिल्मी करियर एक प्रेरणा है।
  • उन्हें दामिनी फिल्म ने प्रसिद्धि दिलाई।
  • उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए स्टारडम को छोड़ दिया।
  • वह अब भारतीय नृत्य की शिक्षा दे रही हैं।
  • उनकी यात्रा हमें असली संतोष की अहमियत बताती है।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 1993 में एक ऐसी फिल्म का प्रीमियर हुआ, जिसने मीनाक्षी शेषाद्री को बॉलीवुड का चमकता सितारा बना दिया। वह फिल्म थी 'दामिनी'। आज के जन्मदिन विशेष श्रृंखला में हम मीनाक्षी शेषाद्री से जुड़ी कुछ खास बातें साझा करेंगे।

फिल्म के एक दृश्य में जब दामिनी (मीनाक्षी) न्याय के लिए संघर्ष करते-करते थक जाती हैं और कोर्टरूम में जज के सामने अपनी निराशा को चीख में बदल देती हैं, तो दर्शक स्तब्ध रह जाते हैं।

उस एक सीन में मीनाक्षी ने जो आक्रोश, लाचारी और बेबाकी दिखाई, वह आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार क्षणों में गिना जाता है। इस फिल्म के बाद मीनाक्षी की पहचान सिर्फ उनकी खूबसूरती या नृत्य कला से नहीं, बल्कि उनकी दमदार अभिनय क्षमता से भी होने लगी।

फिल्म 'दामिनी' एक ऐसा मील का पत्थर साबित हुई, जिसने उन्हें करियर की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया, लेकिन महज दो साल बाद उन्होंने एक चौंकाने वाला निर्णय लिया, जिसने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को चौंका दिया। उन्होंने अपने फिल्मी करियर को अलविदा कह दिया।

मीनाक्षी शेषाद्रि का असली नाम शशिकला शेषाद्री है। उनका जन्म 16 नवंबर 1963 को सिंदरी, बिहार (वर्तमान झारखंड) में हुआ था। मीनाक्षी का बचपन कला और संस्कृति के बीच बीता। वह एक कुशल शास्त्रीय नृत्यांगना थीं। उन्होंने भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी शास्त्रीय नृत्यों में महारत हासिल की।

जब वह महज 17 साल की थीं, तो उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसने उनकी जिंदगी का रुख हमेशा के लिए बदल दिया। वर्ष 1981 में मीनाक्षी ने 'मिस इंडिया' का खिताब जीता।

इस जीत ने उन्हें एकाएक राष्ट्रीय मंच पर ला खड़ा किया। एक नृत्यांगना, जिसने अपनी कला और प्रतिभा से सौंदर्य प्रतियोगिता जीती थी, अब बॉलीवुड की आंखों में आ चुकी थी। सुभाष घई जैसे दूरदर्शी फिल्मकार की नजर उन पर पड़ गई। हालांकि मीनाक्षी की पहली फिल्म 'पेंटर बाबू' (1983) थी, जो कुछ खास नहीं चली, लेकिन उसी वर्ष सुभाष घई की एपिक रोमांटिक ड्रामा 'हीरो' ने मीनाक्षी की किस्मत का ताला खोल दिया।

जैकी श्रॉफ के साथ उनकी जोड़ी ने युवाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। जहां जैकी 'स्टार' के रूप में उभरे, वहीं मीनाक्षी ने अपनी मासूमियत और नृत्य कला से लाखों दिलों पर राज किया। 'हीरो' की सफलता ने मीनाक्षी के लिए बड़े फिल्म निर्माताओं के दरवाजे खोल दिए।

अगले एक दशक तक, मीनाक्षी शेषाद्री ने उस दौर के हर बड़े सितारे के साथ काम किया। अमिताभ बच्चन के साथ 'शहंशाह', अनिल कपूर के साथ 'मेरी जंग', सनी देओल के साथ 'घायल' और फिर कालजयी फिल्म 'दामिनी'।

मीनाक्षी की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि वह ग्लैमर और एक्टिंग के बीच शानदार संतुलन बनाती थीं। एक तरफ उन्होंने 'हीरो' में अपनी खूबसूरती का जादू बिखेरा, तो दूसरी तरफ फिल्म 'घायल' में भाभी के रोल को बेहद सहजता से निभाया। उन्हें अपनी भूमिकाओं में नृत्य और भावनात्मक गहराई का सही मिश्रण करने के लिए जाना जाता था।

1995 तक उनका करियर आसमान छू रहा था। मीनाक्षी उस समय बॉलीवुड की सबसे ज्यादा डिमांड वाली अभिनेत्रियों में से एक थीं। फिल्म 'दामिनी' के बाद उन्होंने एक निजी समारोह में इन्वेस्टमेंट बैंकर हरीश मैसूर से शादी कर ली।

मीनाक्षी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें हमेशा से ही एक निजी और शांत जीवन पसंद था, जो शोहरत और स्टारडम के शोर से दूर हो। शादी के बाद उन्होंने न्यूयॉर्क में बसने का फैसला किया और भारतीय सिनेमा की दुनिया को अलविदा कह दिया।

आज मीनाक्षी शेषाद्री अमेरिका के टेक्सास में रहती हैं। उन्होंने वहां भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रचार-प्रसार के लिए अपना डांस स्कूल, 'चार्म्स् डांस अकादमी' शुरू किया। वह अब एक स्टार नहीं, बल्कि एक कोच हैं, जो भारतीय संस्कृति की धरोहर नई पीढ़ी को सौंप रही हैं।

बीते कुछ सालों में, उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के साथ थोड़ी बातचीत शुरू की है, जिससे उनके चाहने वालों को उनकी झलक मिल जाती है।

'दामिनी' में न्याय के लिए आवाज उठाती 'दामिनी' हो, या 'हीरो' की राधा, मीनाक्षी शेषाद्री ने अपने हर किरदार में एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने सिखाया कि शिखर पर पहुंचना महत्वपूर्ण है, लेकिन शिखर से उतरकर अपनी खुशी की राह चुनना उससे भी बड़ी बहादुरी है।

Point of View

बल्कि अपने भीतर की खुशी और संतोष को पहचानने में है। आज, जब वह नृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं, तो यह स्पष्ट है कि उनका योगदान भारतीय संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

मीनाक्षी शेषाद्री का असली नाम क्या है?
मीनाक्षी शेषाद्री का असली नाम शशिकला शेषाद्री है।
उन्होंने किस फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा?
उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'पेंटर बाबू' से बॉलीवुड में कदम रखा।
क्या मीनाक्षी शेषाद्री ने शादी के बाद फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहा?
हाँ, मीनाक्षी ने शादी के बाद फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।
वह अब किस क्षेत्र में कार्यरत हैं?
वह अब टेक्सास में नृत्य सिखा रही हैं।
क्या मीनाक्षी शेषाद्री ने कोई डांस स्कूल खोला है?
जी हाँ, उन्होंने टेक्सास में 'चार्म्स् डांस अकादमी' नामक डांस स्कूल खोला है।
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