क्या मोहनलाल ने प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ पर निस्वार्थ सेवा की सराहना की?

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क्या मोहनलाल ने प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ पर निस्वार्थ सेवा की सराहना की?

सारांश

मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहनलाल ने प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ पर उनकी निस्वार्थ सेवा को सराहा है। जानिए कैसे उन्होंने समाज और सेना के प्रति अपने योगदान को साझा किया है।

Key Takeaways

  • मोहनलाल की निस्वार्थ सेवा का महत्व
  • प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ का उत्सव
  • सैन्य के प्रति सम्मान और समर्पण
  • समाज में योगदान की प्रेरणा
  • फिल्मों और सेना का जोड़

चेन्नई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलयालम सिनेमा के महानायक मोहनलाल को हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ पर उनकी निस्वार्थ सेवा और दृढ़ता की सराहना करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा की।

इस पोस्ट में उन्होंने व्यक्त किया कि उन्हें प्रादेशिक सेना में सेवा करने पर कितना गर्व है। उल्लेखनीय है कि सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मोहनलाल को समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान और सशस्त्र बलों से स्थायी जुड़ाव के लिए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया था।

अभिनेता मोहनलाल ने अपनी एक्स टाइमलाइन पर लिखा, "77 वर्षों की निस्वार्थ सेवा, अटल दृढ़ता और अडिग समर्पण—यही है प्रादेशिक सेना की गौरवशाली विरासत। 122 आईएनएफ बटालियन (टीए) मद्रास, कोझिकोड में उन वीर नारी-पुरुषों के साथ सेवा करना गर्व की बात है, जो भारत की सच्ची आत्मा को जीवंत करते हैं। राष्ट्र की रक्षा में डटे प्रत्येक सैनिक को सलाम और शहीदों व उनके परिवारों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हृदय से नमन। जय हिंद!"

मोहनलाल को मई 2009 में प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। तब से वे सेना में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। अगस्त 2024 में वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान उन्होंने राहत कार्यों में सहायता की थी। उस समय, उन्होंने सेना के साथ मिलकर पीड़ितों की मदद की।

सिनेमा के अलावा, मोहनलाल विश्वशांति फाउंडेशन के माध्यम से समाज के कल्याण के लिए कई प्रयास करते हैं। वे पूरे भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कौशल विकास, और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों को समर्थन देते रहे हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा और सेना के प्रति अटूट सम्मान को देखते हुए थल सेनाध्यक्ष ने मोहनलाल को थलसेनाध्यक्ष प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।

मोहनलाल को 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अपने 4 दशक के लंबे करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया है, जिसमें मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी भाषा की फिल्में शामिल हैं। उनकी अदाकारी ने न केवल भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया है, बल्कि करोड़ों दर्शकों के दिलों में विशेष स्थान पाया है।

Point of View

मोहनलाल का यह योगदान न केवल उनके फिल्मी करियर को बढ़ाता है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। उनकी निस्वार्थ सेवा और सेना के प्रति सम्मान एक प्रेरणा है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

मोहनलाल को कब दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला?
मोहनलाल को हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रादेशिक सेना की 77वीं वर्षगांठ पर मोहनलाल ने क्या कहा?
मोहनलाल ने निस्वार्थ सेवा और दृढ़ता की सराहना की और सैनिकों को सलाम किया।
मोहनलाल ने सेना में कब से सेवा देना शुरू किया?
मोहनलाल को मई 2009 में प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।