करण जौहर ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना कैसे करते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- आलोचना को समझें और सीखें।
- ट्रोलिंग से मानसिक शांति बनाए रखें।
- दया और सहानुभूति का दृष्टिकोण अपनाएं।
- लोगों के बातें करना आपके लिए मायने रखता है।
- नकारात्मकता को अनदेखा करें।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता और टीवी होस्ट करण जौहर बॉलीवुड के उन प्रमुख व्यक्तित्वों में से हैं, जिनकी ब्लॉकबस्टर फिल्में प्रसिद्ध हैं। उनकी फिल्मों में अक्सर परिवार, प्यार और रिश्तों की कहानियाँ देखने को मिलती हैं। असल जीवन में लोगों की तारीफ आम है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके लिए ट्रोलिंग भी उतनी ही सामान्य बात है।
सोशल मीडिया पर लोग उनकी फिल्मों, फैशन सेंस और निजी जीवन पर टिप्पणियाँ करते हैं। इस संदर्भ में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए करण जौहर ने बताया कि कैसे वे और उनका परिवार ऑनलाइन ट्रोलिंग और आलोचनाओं का सामना करते हैं।
उन्होंने कहा, "पहले यह समझना आवश्यक है कि आलोचना का क्या उद्देश्य है। अगर कोई आपकी फिल्म देखने आया और उसे पसंद नहीं आई, तो इसका यह मतलब नहीं कि आलोचना नकारात्मक है। अक्सर यह ईमानदारी से की जाती है। इसका उद्देश्य आपको नुकसान पहुँचाना नहीं होता, बल्कि राय साझा करना होता है। ऐसे फीडबैक को समझना और यदि संभव हो तो सीखना सबसे समझदारी भरा कदम है।"
करण ने कहा, "अधिकतर ट्रोलिंग, लगभग 95 प्रतिशत, उन लोगों से आती है जिन्हें आप नहीं जानते और जिनकी कोई ठोस वजह नहीं होती। ये लोग अक्सर अपने जीवन से असंतुष्ट होते हैं, कई बेरोजगार हैं, और इसलिए उनमें गुस्सा और निराशा रहती है। यह निराशा उन्हें दूसरों पर निकालने के लिए ट्रोलिंग की ओर ले जाती है। ऐसे लोगों से नाराज होने या अपमानित महसूस करने की बजाय, उनके प्रति केवल दया रखनी चाहिए। इस नजरिए से मानसिक शांति बनी रहती है और नकारात्मकता दूर रहती है।"
उन्होंने कहा, "जब कोई व्यक्ति आपके बारे में अपमानजनक या अजीब बातें कहता है, चाहे वह आपकी आवाज, बोलने का तरीका, चलने का तरीका या आपके परिवार पर कमेंट्स हो, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप व्यक्तिगत रूप से असफल हैं। इसका सीधा संबंध ट्रोलर्स की नाखुशी और जीवन की परेशानियों से है। ऐसे में मुझे उनके लिए दया और सहानुभूति महसूस होती है। इसके साथ ही मुझे यह खुशी होती है कि लोग मेरे बारे में बात कर रहे हैं।"
करण का मानना है कि या तो लोग आपको प्यार करें या नफरत करें, लेकिन अनदेखा न करें। जब कोई आपको पूरी तरह नजरअंदाज कर देता है, तो वह आपके लिए महत्वहीन प्रतीत होता है। इसलिए यह सोचें कि अगर लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक, इसका मतलब यह है कि आप समाज में महत्वपूर्ण हैं। यह सोचना कि किसी को आपके बारे में परवाह नहीं है, कहीं अधिक दुखद है।
करण ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मैंने एक प्रसिद्ध गीत की पंक्ति को हमेशा अपने जीवन में अपनाया है, जिसमें कहा गया है, 'कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।' जब कोई व्यक्ति आपके बारे में सबसे बेतुकी या अपमानजनक बातें कहता है, तो इससे खुद को परेशान करने की बजाय उनके लिए दया महसूस करें। मैं इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेता, बल्कि इसे अपने मानसिक संतुलन का हिस्सा मानता हूं।"
उन्होंने कहा, "जब आप समझ जाएं कि आलोचना का स्रोत गलत है और यह ईमानदारी से नहीं किया गया है, तो उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय अपने जीवन और काम पर ध्यान दें। खुद को इस बात पर खुश महसूस कराएं कि लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं। यही सही तरीका है आगे बढ़ने का और नकारात्मकता के बावजूद सकारात्मक बने रहने का।"