क्या कांतारा: चैप्टर 1 का बॉयकॉट सही है? पवन कल्याण का सिनेमा को लेकर बड़ा बयान

सारांश
Key Takeaways
- सिनेमा का उद्देश्य: सभी वर्गों को जोड़ना।
- बॉयकॉट का विरोध: व्यक्तिगत स्वार्थ के खिलाफ
- कला की सीमाएँ: क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं।
मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता पवन कल्याण की फिल्म ‘दे कॉल हिम ओजी’ को कर्नाटक में बॉयकॉट का सामना करना पड़ा था। हाल ही में, पवन कल्याण ने अपनी फिल्म पर लगे प्रतिबंधों पर चर्चा की और ऋषभ शेट्टी की फिल्म ‘कांतारा: चैप्टर 1’ का समर्थन किया।
उन्होंने आंध्र प्रदेश में कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के टिकटों की कीमत बढ़ाने को उचित ठहराया है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में बॉयकॉट के बावजूद, पवन कल्याण की हालिया रिलीज फिल्म ‘दे कॉल हिम ओजी’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है और दर्शकों द्वारा सराही जा रही है।
पवन कल्याण ने कहा, "सिनेमा, संगीत, खेल और सांस्कृतिक कलाओं की कोई सीमा नहीं होती। इनका मुख्य उद्देश्य मनोरंजन और सभी वर्गों के लोगों को जोड़ना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग निजी स्वार्थ से प्रेरित होकर कर्नाटक में ‘दे कॉल हिम ओजी’ के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे अन्य तेलुगु फिल्मों को भी इसी तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ा है। कुछ लोग अब यह सुझाव दे रहे हैं कि कांतारा जैसी कन्नड़ फिल्मों को हमारे तेलुगु राज्यों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, जिसे मैं अस्वीकार करता हूँ।"
उन्होंने आगे कहा, "कला और सिनेमा का उद्देश्य खुशियाँ फैलाना, संस्कृतियों को जोड़ना और लोगों को एक साथ लाना है, न कि अलग करना। हर व्यक्ति को अपनी पसंदीदा फिल्म देखने का अधिकार है। यदि आपको कोई फिल्म पसंद नहीं है, तो आप उसे न देखने का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन फिल्मों को निशाना बनाने के लिए व्यक्तिगत नफरत का इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है। आज भारतीय सिनेमा को दुनिया भर में सराहा जा रहा है। ऐसे समय में कला को क्षेत्रीय सीमाओं में सीमित करने के प्रयास का कड़ा विरोध किया जाना चाहिए। आइए हम अच्छी फिल्मों का समर्थन करें, चाहे वे कहीं से भी आई हों।"
गौरतलब है कि ‘कांतारा: चैप्टर 1’ अगले महीने 2 तारीख को रिलीज होगी।