क्या प्राजक्ता कोली ने नब्बे के दशक की यादें ताजा की हैं?

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क्या प्राजक्ता कोली ने नब्बे के दशक की यादें ताजा की हैं?

सारांश

प्राजक्ता कोली ने 1990 के दशक में टीवी देखने की सीमित आदतों और आज के डिजिटल युग में कंटेंट के अनगिनत विकल्पों के बारे में बातचीत की है। जानें कि कैसे दर्शकों की पसंद बदल गई है और क्या है उनकी नई वेब सीरीज 'सिंगल पापा' के बारे में।

Key Takeaways

  • 1990 का दशक: टीवी शो सीमित थे और केवल दो घंटे का समय होता था।
  • डिजिटल युग: अब कंटेंट की भरमार है, जिससे याद रखना मुश्किल हो गया है।
  • यादगार शो: कुछ कहानियां दर्शकों के दिमाग में लंबे समय तक रहती हैं।
  • नई श्रृंखला: प्राजक्ता कोली की 'सिंगल पापा' 12 दिसंबर को रिलीज होगी।

मुंबई, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले कुछ वर्षों में टीवी और डिजिटल सामग्री के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। पहले, चैनल सीमित थे और इस सीमित विकल्प के बावजूद भी, लोग उन शो को प्यार से याद करते थे। लेकिन अब, दर्शकों के पास कंटेंट देखने के लिए अनगिनत विकल्प मौजूद हैं।

टीवी, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट और ऑडियो प्लेटफार्मों के कारण, किसी भी शो को याद रखना अब पहले जितना आसान नहीं रहा। इस परिवर्तन पर कंटेंट क्रिएटर और अभिनेत्री प्राजक्ता कोली ने अपने विचार साझा किए हैं।

प्राजक्ता ने 1990 के दशक को याद करते हुए कहा, ''मुझे याद है कि टीवी शो बहुत सीमित और व्यवस्थित थे। हमें बताया जाता था कि शाम को हमें टीवी देखने के लिए केवल दो घंटे मिलते थे, और उस समय केवल छह चैनल होते थे। उस समय सामग्री का आनंद लेने का तरीका पूरी तरह से भिन्न था। हमें यह तय करना होता था कि कौन सा शो देखना है। दिनचर्या में टीवी का समय एक सख्त नियम था।''

उन्होंने आगे कहा, ''अब टीवी और डिजिटल प्लेटफार्म का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। लोग अपनी सुविधानुसार कोई भी शो या मूवी देख सकते हैं। टीवी पर, लैपटॉप या मैक पर, टैबलेट या फोन पर सामग्री आसानी से उपलब्ध है। साथ ही, ऑडियो का विकल्प भी है। दर्शकों के पास विमर्श के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। इन्हीं कारणों से किसी शो का याद रहना पहले जैसा आसान नहीं रहा। लोग बहुत सारे विकल्पों के बीच आसानी से किसी एक चीज़ को याद नहीं रख पाते।''

प्राजक्ता ने कहा, ''कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो दर्शकों को उत्साहित करती हैं और अगला एपिसोड कब आएगा, यह जानने की उत्सुकता पैदा करती हैं। ऐसे शो आज भी दर्शकों के दिमाग में जगह बनाते हैं और लंबे समय तक याद रहते हैं। अब यह पूरी तरह दर्शकों पर निर्भर करता है कि कौन सा शो उनके लिए यादगार बनता है। दर्शक तय करते हैं कि कौन सा कंटेंट उनके दिल और दिमाग में जगह बनाएगा।''

प्राजक्ता अपने अगले प्रोजेक्ट को लेकर काफी उत्साहित हैं। वह नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज 'सिंगल पापा' में नजर आने वाली हैं। इस सीरीज में उनके साथ मनोज पाहवा, कुणाल खेमू और आयशा रजा मिश्रा भी हैं।

'सिंगल पापा' 12 दिसंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने जा रही है।

Point of View

यह कहना उचित है कि प्राजक्ता कोली का अनुभव किसी भी युवा दर्शक के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। उनके विचार दर्शाते हैं कि कैसे समय के साथ हमारी प्राथमिकताएं और देखने के तरीके बदलते हैं। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं है, बल्कि दर्शकों के मानसिकता में भी एक बड़ा परिवर्तन है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

प्राजक्ता कोली ने किस दशक की यादें ताजा की हैं?
प्राजक्ता कोली ने 1990 के दशक की यादें ताजा की हैं।
'सिंगल पापा' कब रिलीज़ होगी?
'सिंगल पापा' 12 दिसंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी।
प्राजक्ता कोली ने टीवी देखने के अनुभव पर क्या कहा?
उन्होंने बताया कि पहले केवल दो घंटे टीवी देखने का समय मिलता था और विकल्प सीमित होते थे।
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