क्या आवाज, साज और संगीत में प्राजक्ता शुक्रे और शेखर रवजियानी ने किया कमाल?

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क्या आवाज, साज और संगीत में प्राजक्ता शुक्रे और शेखर रवजियानी ने किया कमाल?

सारांश

भारतीय संगीत में प्राजक्ता शुक्रे और शेखर रवजियानी की यात्रा प्रेरणादायक है। संगीत में उनके योगदान और प्रतिभा ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। जानिए कैसे इन दोनों ने अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की।

Key Takeaways

  • प्राजक्ता और शेखर की कहानी मेहनत और जुनून की मिसाल है।
  • दोनों ने संगीत के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है।
  • रियलिटी शो ने उन्हें पहचान दिलाई।
  • संगीत के प्रति उनके योगदान ने उन्हें सफल बनाया।
  • दोनों ने अपने क्षेत्र में एक नई ऊंचाई हासिल की है।

मुंबई, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय संगीत की दुनिया में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और जुनून के बल पर एक विशेष स्थान हासिल किया है। लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जिनकी शुरुआत अलग-अलग जगहों से हुई, फिर भी उनकी पहचान की राह एक समान थी। प्राजक्ता शुक्रे और शेखर रवजियानी दोनों ने सुर और प्रतिभा की असली परीक्षा वाले मंचों से अपने करियर की शुरुआत की।

प्राजक्ता शुक्रे का जन्म 29 नवंबर 1987 को हुआ। उन्होंने बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि दिखाई। परिवार के सहयोग से, उन्होंने चार साल की उम्र में मंचों पर गाना शुरू किया। प्रतियोगिताओं में भाग लेकर उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। जब वह बारहवीं कक्षा में थीं, तब उन्होंने देश के सबसे बड़े सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' के पहले सीजन में भाग लिया। इस शो ने उन्हें पूरे भारत में पहचान दिलाई।

वह सीजन की टॉप-5 में पहुंचने वाली एकमात्र महिला प्रतिभागी बनीं और चौथे स्थान पर रहीं। प्रतियोगिता के बाद, उन्हें कई फिल्मों और एल्बम में काम करने का मौका मिला। उन्होंने सोनी बीएमजी लेबल के साथ अपना पहला एल्बम जारी किया और कई बड़े कलाकारों के साथ मंच पर प्रदर्शन किए। फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज दी और भक्ति संगीत से लेकर बॉलीवुड गीतों तक हर शैली में अपनी जगह बनाई।

शेखर रवजियानी का जन्म 29 नवंबर 1978 को गुजरात के भुज में हुआ। पिता के प्रेरणा के चलते, उन्होंने उस्ताद नियाज अहमद खान से संगीत की शिक्षा प्राप्त की, जिसने उनकी गायकी को मजबूती दी। उनका करियर भी रियलिटी शो 'सा रे गा मा पा' से शुरू हुआ। इस शो में प्रतिभागी के रूप में भाग लेकर उन्होंने अपनी संगीत यात्रा की शुरुआत की। शो में मिली पहचान ने उन्हें फिल्मी दुनिया में प्रवेश दिलाया और इसके बाद उनका चयन फिल्म 'प्यार में कभी-कभी' के लिए हुआ।

इस फिल्म में उन्होंने पहला गाना 'दिल से मेरे' गाया और बाद में संगीत भी तैयार किया। धीरे-धीरे वे संगीत निर्देशन की ओर बढ़े और उनकी मुलाकात विशाल ददलानी से हुई। दोनों बचपन के दोस्त थे, लेकिन इस फिल्म ने उन्हें फिर से एक साथ लाया और विशाल-शेखर की जोड़ी का जन्म हुआ। आज यह जोड़ी बॉलीवुड की सबसे सफल संगीतकार जोड़ियों में से एक है।

जहां प्राजक्ता ने अपनी मधुर आवाज से अलग पहचान बनाई, वहीं शेखर ने अपनी धुनों और आधुनिक संगीत शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

Point of View

बल्कि उन्होंने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी सफलता की कहानी युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

प्राजक्ता शुक्रे की पहचान कैसे बनी?
प्राजक्ता ने 'इंडियन आइडल' के पहले सीजन में भाग लेकर अपनी पहचान बनाई और टॉप-5 में पहुंचीं।
शेखर रवजियानी का संगीत करियर कैसे शुरू हुआ?
शेखर ने 'सा रे गा मा पा' रियलिटी शो से अपने संगीत करियर की शुरुआत की।
प्राजक्ता और शेखर की जोड़ी का क्या महत्व है?
दोनों कलाकारों ने भारतीय संगीत को नई दिशा दी है और उनके कार्यों ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई है।
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