क्या राम मंदिर ध्वजारोहण पर पवन सिंह गर्व से फूले हैं?
सारांश
Key Takeaways
- राम मंदिर का ध्वजारोहण एक ऐतिहासिक पल है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने ध्वजा फहराई।
- ध्वजा का निर्माण गुजरात की एक कंपनी ने किया।
- ध्वजा का आकार १० फीट ऊँचाई और २० फीट लम्बाई है।
- यह ध्वजा तेज हवा और बारिश का सामना कर सकती है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लगभग पाँच सदियों के लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को राम मंदिर का संपूर्ण निर्माण संपन्न हो गया। यह ऐतिहासिक क्षण देश के हर रामभक्त के लिए भावनाओं से भरा और अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अभिजीत मुहूर्त के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और संतों की उपस्थिति में राम मंदिर के शिखर पर ३ किलो वजनी धर्म ध्वजा फहराई। यह पल हर किसी के लिए भावुक करने वाला था। इस मौके पर भोजपुरी गायक पवन सिंह और लोकगायिका स्वाति मिश्रा ने अपनी खुशी और आस्था व्यक्त की है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी साझा करते हुए पवन सिंह ने राम मंदिर और पीएम मोदी की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, "अयोध्या की पवित्र धरा पर आज के भव्य ध्वजारोहण ने मन को अद्भुत शांति और गर्व से भर दिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी की कृपा से लहराता यह ध्वज केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और एकता का संदेश भी देता है, जय श्री राम।" वहीं, स्वाति मिश्रा ने गाना गुनगुनाते हुए पीएम मोदी द्वारा धर्म ध्वजा फहराते हुए वीडियो पोस्ट किया और लिखा, "शुभ दिन, शुभ घड़ी।"
ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय स्वाति मिश्रा का "राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी" गाना अत्यधिक लोकप्रिय हुआ था। इस गाने की प्रशंसा पीएम मोदी ने भी की थी। मंगलवार को पीएम मोदी के द्वारा राम मंदिर का पूर्ण होना हिंदू धर्म में मंदिर की पूर्णता का प्रतीक माना जाता है, जब उस पर केसरिया ध्वजा लहराती है। ध्वजा विजय, आस्था और धार्मिक गौरव का प्रतीक होती है।
राम मंदिर की ध्वजा कई मायनों में विशेष है। १० फीट ऊँची और २० फीट लंबी केसरिया ध्वजा पर भगवान सूर्य, कोविदार वृक्ष और 'ॐ' की आकृति बनी हुई है, और सुनहरे गोटे तथा सिल्क के प्रीमियम धागों का उपयोग किया गया है। राम मंदिर ध्वजा का निर्माण गुजरात की एक पैराशूट बनाने वाली कंपनी ने किया है, जिसे बनाने में २५ दिन का समय लगा। यह ध्वजा इतनी मजबूत है कि यह ६० किमी/घंटा तक की हवा और तेज बारिश का सामना भी कर सकती है।