क्या शंकर महादेवन मुंबई में 'मालगुडी' से प्रेरित रेस्त्रां श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- शंकर महादेवन की नई रेस्त्रां श्रृंखला मालगुडी से प्रेरित है।
- रेस्त्रां चेम्बूर, बोरीवली और लोअर परेल में खोले जाएंगे।
- यहां 100 साल पुरानी मुलबगल डोसा पेश किया जाएगा।
- रेस्त्रां में मेहमानों के लिए विशेष व्यंजन बनाए जाएंगे।
- शंकर महादेवन ने अपने घर को रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बदल दिया है।
मुंबई, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध गायक और संगीतकार शंकर महादेवन अब मुंबई में एक नई रेस्त्रां श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं। ये रेस्त्रां आदर्श लेखक आर. के. नारायण के काल्पनिक शहर 'मालगुडी' से प्रेरित होंगे। यह श्रृंखला मुंबई के प्रमुख इलाकों जैसे चेम्बूर, बोरीवली और लोअर परेल में स्थापित की जाएगी।
हाल ही में कोरियोग्राफर और डायरेक्टर फराह खान ने अपने यूट्यूब चैनल के लिए शंकर महादेवन के घर का दौरा किया। वहां उन्होंने शंकर महादेवन की पत्नी संगीता और उनके बेटों सिद्धार्थ और शिवम से मुलाकात की। इस अवसर पर शंकर ने अपने खाना पकाने के कौशल का प्रदर्शन करते हुए मेहमानों के लिए पोटली प्रॉन और थेचा बनाया।
शंकर ने बताया कि वे इस महीने (अगस्त) में अपनी रेस्त्रां श्रृंखला का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके रेस्त्रां में 'मालगुडी' के मेनू के सभी व्यंजन उनके द्वारा चुने गए हैं। मालगुडी के तीन रेस्त्रां चेम्बूर, बोरीवली और लोअर परेल में खोले जाएंगे।
शंकर महादेवन ने कहा, "हम यहां मुलबगल डोसा पेश करेंगे, जिसकी रेसिपी 100 साल पुरानी है। मैं यकीन के साथ कहता हूं कि आप इसे पहली बार चखेंगे।"
फराह खान ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह जल्दी ही शंकर महादेवन के दक्षिण भारतीय रेस्त्रां में जाने के लिए उत्सुक हैं।
इतना ही नहीं, शंकर महादेवन ने फराह के रसोइए दिलीप के लिए भी एक गाना अपनी आवाज में रिकॉर्ड किया था, जिसका नाम 'पगार बढ़ाओ' रखा गया।
इस शो के दौरान बताया गया कि उन्होंने अपने छह मंजिला घर के एक पूरे फ्लोर को रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बदल दिया है ताकि रोजाना काम के लिए आने-जाने की आवश्यकता न पड़े। स्टूडियो की दीवारों पर शंकर महादेवन को मिले कई सम्मान प्रदर्शित हैं, जिनमें पद्मश्री और 2024 का ग्रैमी पुरस्कार शामिल हैं। शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी अपने सुरीले गानों के लिए जानी जाती है। चाहे दिल चाहता है हो, बंटी और बबली हो या फिर माई नेम इज खान - सभी फिल्मों में शंकर की गहराई भरी आवाज और तिकड़ी के सधे हुए सुरों ने इंडस्ट्री को बेहतरीन संगीत से समृद्ध किया है।