क्या श्वेता त्रिपाठी ने सफलता के नए मायने बताए हैं?

Click to start listening
क्या श्वेता त्रिपाठी ने सफलता के नए मायने बताए हैं?

सारांश

श्वेता त्रिपाठी ने हाल ही में भारतीय फिल्म और वेब इंडस्ट्री में महिलाओं के बढ़ते अवसरों और सफलता की नई परिभाषा पर विचार साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे आज की कलाकारों को अपनी आवाज और पहचान बनाने की स्वतंत्रता मिली है। इस बातचीत में, उन्होंने दर्शकों की भूमिका को भी महत्व दिया।

Key Takeaways

  • महिला कलाकारों के लिए अवसर बढ़े हैं।
  • सफलता की परिभाषा अब बदल गई है।
  • दर्शकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
  • रचनात्मक स्वतंत्रता का विस्तार हुआ है।
  • किरदारों ने कलाकारों को नए तरीके से सोचने का मौका दिया है।

मुंबई, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय फिल्म और वेब इंडस्ट्री में पिछले कुछ दशकों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। विशेषकर महिला कलाकारों के लिए अब नए अवसर उपलब्ध हैं, जो पहले शायद केवल सीमित प्रकार के भूमिकाओं तक सीमित रह जाते थे। इसी बदलाव और अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बारे में अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी यात्रा में परिवर्तन आए।

श्वेता ने कहा, "मैंने अपने करियर में ऐसे व्यक्तियों और कहानियों के साथ काम किया है, जिन्होंने मुझे नए नजरिए से सोचने और महसूस करने का अवसर दिया है। मैं हमेशा पारंपरिक सोच को चुनौती देने में विश्वास करती हूं। पहले फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए अवसर और भूमिकाएं सीमित होती थीं। हीरोइन या महिला कलाकार का रूप और किरदार अक्सर पूर्वनिर्धारित होता था। लेकिन अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, नए क्रिएटर्स, और दर्शकों की सोच में बदलाव ने कहानी कहने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।"

श्वेता ने इस बदलाव में दर्शकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "केवल कहानीकार ही बदलाव नहीं लाते, बल्कि दर्शक भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। जब दर्शक इन नई कहानियों का समर्थन करते हैं, उन्हें अपनाते हैं, किरदारों और कहानियों को पसंद करते हैं और सराहना देते हैं, तब कलाकारों को प्रयोग करने का साहस मिलता है। आज के समय में कलाकारों के पास ज्यादा अवसर हैं कि वे नए अनुभव लें और अपने करियर की दिशा खुद तय करें।"

अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में श्वेता ने बताया, "इंडस्ट्री ने मुझे धैर्य रखना सिखाया और आत्मविश्वास को बढ़ाया। सफलता अब केवल एक रूप में नहीं देखी जाती। पहले यह माना जाता था कि एक कलाकार को केवल बड़े नाम और बॉक्स ऑफिस हिट चाहिए। लेकिन, आज सफलता की परिभाषा बदल गई है और यह सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है। जब आप अच्छा काम करते हैं और वह सराहा जाता है, तो यह आपको एक खास तरह की ताकत देता है।"

श्वेता ने कहा, "करियर में अब तक के विभिन्न किरदार और कहानियाँ मेरे लिए हमेशा यादगार रही हैं। सभी किरदारों ने मुझे अलग तरीके से सोचने और महसूस करने का मौका दिया। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा पेशा मिला, जो मुझे नए तरीके से देखने और समझने का अवसर देता है।"

उन्होंने कहा, "इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति और उनकी आवाज पहले की तुलना में बहुत मजबूत हो गई है। अब न केवल बड़े सितारे बल्कि छोटे और नए कलाकार भी अपनी पहचान बना सकते हैं, साथ ही दर्शकों के साथ सीधे जुड़ सकते हैं। यह बदलाव अवसर के साथ-साथ रचनात्मक स्वतंत्रता भी प्रदान करता है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। श्वेता त्रिपाठी जैसे कलाकारों की आवाज़ ने न केवल उनके लिए बल्कि सभी कलाकारों के लिए एक नई दिशा निर्धारित की है। यह सकारात्मक बदलाव न केवल कलाकारों के लिए, बल्कि दर्शकों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे नई कहानियों और विचारों का प्रवाह होता है।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

श्वेता त्रिपाठी ने अपने करियर में क्या सीखा?
श्वेता ने धैर्य और आत्मविश्वास को बढ़ाने की बात की है।
महिला कलाकारों के लिए अवसर कैसे बढ़े हैं?
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और दर्शकों की बदलती सोच ने नए अवसरों को जन्म दिया है।
सफलता की परिभाषा क्या है?
अब सफलता केवल बॉक्स ऑफिस हिट में नहीं, बल्कि सराहना में भी देखी जाती है।
दर्शकों की भूमिका क्या है?
दर्शक नई कहानियों का समर्थन करके कलाकारों को प्रयोग करने का साहस देते हैं।
क्या श्वेता त्रिपाठी को अपने किरदारों पर गर्व है?
वे सभी किरदारों को यादगार मानती हैं और उन्हें अलग-अलग सोचने का मौका मिला है।
Nation Press