क्या स्मृति ईरानी ने आदित्य धर की फिल्म 'धुरंधर' की तारीफ की?
सारांश
Key Takeaways
- स्मृति ईरानी ने फिल्म 'धुरंधर' की प्रशंसा की।
- फिल्म में शहीदों की जिंदगियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- आदित्य धर के निर्देशन और शोध को सराहा गया।
- कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा की भी तारीफ की गई।
- सुरक्षाकर्मियों और शहीदों को सलाम किया गया।
मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आदित्य धर की निर्देशित फिल्म 'धुरंधर' अब सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो चुकी है और यह बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। दर्शकों के साथ-साथ फिल्म उद्योग के कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने इसकी सराहना की है। इस श्रृंखला में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेत्री स्मृति ईरानी का नाम भी शामिल हो गया है।
दरअसल, स्मृति ने बुधवार को इस फिल्म की प्रशंसा की। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर फिल्म के कलाकारों की आदित्य धर द्वारा ली गई तस्वीरें साझा कीं।
स्मृति ने लिखा कि यदि आपने कभी किसी शहीद सैनिक की पत्नी की आँखों में दर्द देखा है, उसे श्मशान घाट तक जाते देखा है, जम्मू के जगती कैंप का दर्द महसूस किया है, संसद हमले या 26/11 मुंबई हमले के गवाहों से बात की है, तो इस फिल्म के किसी भी पहलू से गुस्सा होने की आवश्यकता नहीं है। यह सिर्फ एक फिल्म है।
उन्होंने कहा, 'धुरंधर' साधारण फिल्म नहीं है, बल्कि उन जिंदगियों की गूंज है, जो जी गईं और खो गईं। यदि सिनेमा आपको इतना एहसास करा सके, तो उसे गुस्से की नहीं, बल्कि सम्मान की आवश्यकता है।
स्मृति ने आदित्य धर के निर्देशन और शोध की सराहना की। उन्होंने कहा कि आदित्य एक अद्भुत कहानीकार हैं और उनके शोध में गहराई है।
उन्होंने लिखा, "एक मां-बाप के मृत बेटे का चेहरा देखकर, जो दर्द अक्षय खन्ना के चेहरे पर दिखा, वह अभिनय का अद्भुत उदाहरण है। रणवीर की आँखें बिना कुछ कहे सब कुछ कह देती हैं; यह उन लोगों के लिए एक सीख है जो अपने कार्य में निरंतरता और पहचान बनाना चाहते हैं। और अर्जुन रामपाल का इतना डरावना और प्रभावशाली दिखना भी एक बड़ी बात है।
स्मृति ने कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा की भी प्रशंसा की और कहा कि जब आदित्य धर जैसे जुनूनी निर्देशक और मुकेश छाबड़ा जैसी दृष्टि मिलती है, तो परदे पर धमाका होना तय है।
आर. माधवन के अजीत डोभाल वाले किरदार पर उन्होंने लिखा, "जिन्होंने असल में अजीत डोभाल को करीब से देखा है, उन्हें शुरू में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन सच यह है कि इस भूमिका के लिए माधवन से बेहतर कोई नहीं हो सकता था। बाहर से शांत, अंदर तूफान, बिल्कुल वैसा ही।"
स्मृति ने अंत में सभी ज्ञात-अज्ञात सुरक्षाकर्मियों और शहीदों को सलाम किया। उन्होंने लिखा, "उन सभी बहादुर पुरुषों और महिलाओं को धन्यवाद, जो आज भी हर भारतीय को न्याय दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। हम हमेशा आपके ऋणी रहेंगे।"