क्या लता मंगेशकर ने सोनू निगम को मां की तरह स्नेह दिया था?

सारांश
Key Takeaways
- सोनू निगम और लता मंगेशकर के बीच का रिश्ता अद्वितीय है।
- लता जी का योगदान भारतीय संगीत में अतुलनीय है।
- सोनू निगम ने 32 भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं।
- संगीत में स्नेह और सम्मान की भावना महत्वपूर्ण है।
- संगीत जगत में रिश्ते केवल पेशेवर नहीं होते।
मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध गायक सोनू निगम ने लता मंगेशकर के साथ एक भावुक क्षण को याद करते हुए एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की। इस तस्वीर में वह घुटनों के बल बैठकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
'भारत रत्न' लता मंगेशकर को याद करते हुए सोनू निगम ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पुरानी और भावुक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में सोनू मंच पर बैठे हुए लता मंगेशकर की ओर देख रहे हैं और हाथ जोड़कर उनका सम्मान कर रहे हैं। वहीं, लता मंगेशकर भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन स्वीकार कर रही हैं।
गायक ने कैप्शन में लिखा, "यह 2013 की तस्वीर है, जब मैंने अपनी मां को खोया था, उसके कुछ ही महीने बाद मुझे मुंबई के षणमुखानंद हॉल में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के लिए फंड जुटाने वाले एक शो में परफॉर्म करने का मौका मिला था। उस मंच पर मैं अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहा था, तब मैंने उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया, तो उन्होंने मुझे प्यार से थामा और कहा, 'मैं हूं ना, मैं हूं ना'।"
6 फरवरी, 2022 को 92 वर्ष की स्वर कोकिला ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। लता मंगेशकर जनवरी 2022 की शुरुआत में कोविड-19 से संक्रमित हो गई थीं। उन्हें कोरोना के साथ-साथ निमोनिया भी था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग एक महीने तक चले इलाज के बावजूद, उनकी हालत बिगड़ती गई। डॉक्टरों के अनुसार, उनका निधन मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण हुआ था।
सोनू निगम भारतीय संगीत जगत के उन चुनिंदा गायकों में से हैं, जिनकी गायकी में अद्भुत विविधता देखने को मिलती है। उनके गीतों की रेंज बेहद व्यापक है, जिसमें रोमांटिक से लेकर ब्रेकअप, शास्त्रीय से लेकर भक्ति, पार्टी से लेकर देशभक्ति, गजल से लेकर कव्वाली और रॉक से लेकर पॉप तक हर शैली शामिल है। उन्होंने अपने करियर में 32 से ज्यादा भाषाओं में 6,000 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं।
सोनू निगम को 'आधुनिक रफी' के नाम से जाना जाता है। करियर की शुरुआत में उन्होंने कई एल्बम में मोहम्मद रफी के गाने गए और इससे उन्हें काफी प्रसिद्धी भी मिली। हिंदी और कन्नड़ के अलावा, उन्होंने बंगाली, मराठी, तेलुगू, तमिल, उड़िया, अंग्रेजी, असमिया, मलयालम, गुजराती, भोजपुरी, नेपाली, तुलु, मैथिली और मणिपुरी में भी गीत गाए हैं।