क्या सुभाष घई ने 'परम शांति' पाने का मार्ग बताया? उनका कहना है- यह सब 'गहरे ध्यान' से संभव है
सारांश
Key Takeaways
- गहरा ध्यान और आत्म-निरीक्षण परम शांति पाने के लिए आवश्यक हैं।
- साधु, संन्यासी और फकीर की यात्रा एक ही मंजिल की ओर है।
- सुभाष घई की फिल्में मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी देती हैं।
- व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल में फिल्म निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- हाल ही में रॉकेटशिप फिल्म का निर्माण छात्रों द्वारा किया गया है।
मुंबई, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध निर्देशक सुभाष घई अक्सर सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हैं। हाल ही में, शनिवार को, उन्होंने अपने प्रशंसकों से एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, "साधु, संन्यासी और फकीर: परम शांति और ज्ञान कैसे प्राप्त करते हैं? ये तीनों चुप रहकर, निष्पक्ष होकर और आत्म-निरीक्षण करते हुए परम शांति और ज्ञान पाते हैं। यह सब गहरे ध्यान से आता है।"
सुभाष घई ने इस पोस्ट के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि भले ही तीनों का रास्ता अलग हो, लेकिन उनकी मंजिल एक ही है।
इस पोस्ट पर प्रशंसकों की प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक रही हैं। वे कमेंट सेक्शन में अपने विचार साझा कर रहे हैं।
सुभाष घई अक्सर सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मुद्दों पर अपनी राय देते हैं। उनकी चर्चित फिल्मों में कर्ज, राम-लखन, परदेस और ताल शामिल हैं, जिन्होंने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दिए।
सुभाष घई ने अपने करियर की शुरुआत 1976 में फिल्म 'कालीचरण' से की थी। आज वह एक सफल फिल्म निर्माता और व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल संस्थान के अध्यक्ष हैं।
हाल ही में, उनके संस्थान के छात्रों ने एक शॉर्ट फिल्म 'रॉकेटशिप' बनाई है, जिसमें अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर मुख्य भूमिका में हैं। इसके अलावा, फिल्म में उर्वी गर्ग, शाइना सरकार और राहुल चौधरी भी महत्वपूर्ण किरदारों में हैं। इस फिल्म का निर्देशन और लेखन अर्जुन मेनन ने किया है, जबकि हरमनराय सिंह सहगल इसके निर्माता हैं। सिनेमैटोग्राफी भागवत पुरोहित ने की है और इसका संगीत अजमत खान ने तैयार किया है।