क्या सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर फैसले से लोग सुरक्षित रहेंगे? मनोज बाजपेयी का क्या कहना है?

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क्या सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर फैसले से लोग सुरक्षित रहेंगे? मनोज बाजपेयी का क्या कहना है?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने आवारा कुत्तों को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है। मनोज बाजपेयी ने इस विषय पर संतुलित राय रखी है। जानें, क्या है उनका कहना और इस फैसले पर बॉलीवुड का क्या रुख है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर स्थापित करने का है।
  • मनोज बाजपेयी का मानना है कि कुत्तों को सुरक्षित वातावरण में रहना चाहिए।
  • बॉलीवुड के कई सितारे इस आदेश का विरोध कर रहे हैं।
  • कुछ ने इसे सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया है।
  • यह मामला दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर में स्थानांतरित करने के हालिया आदेश ने देशभर में एक नई बहस को जन्म दिया है। इस निर्णय का विरोध पशु प्रेमियों और कुछ बॉलीवुड सितारों द्वारा किया जा रहा है, जबकि कुछ इसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक मानते हैं। इस बीच, अभिनेता मनोज बाजपेयी ने एक संतुलित राय पेश की है। उन्होंने कहा कि कुत्तों को सड़कों पर नहीं, बल्कि अच्छे घरों में रहना चाहिए और लोगों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।

मनोज बाजपेयी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "इन जानवरों ने सड़कों को नहीं चुना, और ये हम सबके प्यार के हकदार हैं, और लोगों को भी सुरक्षित महसूस करने का हक है। आगे का रास्ता हमदर्दी से तय होना चाहिए। डर के साए तले उनके भाग्य का फैसला नहीं किया जाना चाहिए।"

सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच द्वारा आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए। कोर्ट ने नगर निगमों को वैक्सीनेशन और शेल्टर बनाने का भी निर्देश दिया।

कई बॉलीवुड हस्तियों ने इस आदेश को क्रूर और अव्यावहारिक बताते हुए इसका विरोध किया है। इस लिस्ट में जान्हवी कपूर, वरुण धवन, टाइगर श्रॉफ, रवीना टंडन, भूमि पेडनेकर, जॉन अब्राहम, वीर दास, चिन्मयी श्रीपदा, सिद्धार्थ आनंद और अदिति गोवित्रीकर शामिल हैं। इन एक्टर्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस फैसले की आलोचना की। जान्हवी और वरुण ने इसे "बेजुबानों के साथ अत्याचार" करार देते हुए, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल की वकालत की।

जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इसे पशु अधिकार नियमों के खिलाफ बताया। रवीना टंडन ने स्थानीय निकायों की नसबंदी विफलता को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं, राम गोपाल वर्मा और रणदीप हुड्डा ने इस फैसले का समर्थन किया। वर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि मानव जीवन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और आवारा कुत्तों से बच्चों को खतरा है। वहीं, रणदीप हुड्डा ने इसे बड़ा समाधान बताया।

Point of View

जो न केवल पशु अधिकारों से संबंधित है, बल्कि मानव सुरक्षा से भी जुड़ा है। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें दोनों पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखा जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों का ख्याल रखा जाए।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए।
मनोज बाजपेयी ने इस फैसले पर क्या कहा?
मनोज बाजपेयी ने कहा कि कुत्तों को सड़कों पर नहीं, बल्कि अच्छे घरों में रहना चाहिए और लोगों को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।
बॉलीवुड हस्तियों का इस पर क्या रुख है?
कई बॉलीवुड हस्तियों ने इस आदेश का विरोध किया है, इसे क्रूर और अव्यावहारिक बताया है।
क्या इस फैसले का समर्थन भी हुआ है?
हाँ, राम गोपाल वर्मा और रणदीप हुड्डा ने इस फैसले का समर्थन किया है।
क्या यह फैसला मानव जीवन की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही है?
यह एक विवादास्पद मुद्दा है, जिसमें मानव सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।