क्या स्वास्तिका मुखर्जी की दिल्लीवासियों से खास अपील है- 'स्ट्रीट डॉग्स को अपनाएं, इंसानियत जगाएं'?

सारांश
Key Takeaways
- आवारा कुत्तों को अपनाने से आप उनकी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं।
- पशु कल्याण संगठनों का समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है।
- स्वास्तिका मुखर्जी की अपील ने हमें इंसानियत की याद दिलाई है।
- हर छोटा प्रयास एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में है।
- आपका योगदान मायने रखता है, चाहे वो कितना भी छोटा क्यों न हो।
मुंबई, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर डॉग शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। इस आदेश पर हर कोई अपनी राय दे रहा है, जबकि कुछ लोग इस फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, प्रसिद्ध अभिनेत्री स्वास्तिका मुखर्जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दिल्लीवासियों से एक भावनात्मक और सामाजिक अपील की, जिसमें उन्होंने सड़कों पर रहने वाले कुत्तों को अपनाने और पशु कल्याण संगठनों का समर्थन करने का आग्रह किया।
स्वास्तिका ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, ''अगर आप दिल्ली के निवासी हैं, तो क्या मैं आपसे एक या एक से ज्यादा इंडी डॉग्स को गोद लेने की विनती कर सकती हूं? एक नहीं, बल्कि एक से ज्यादा। ये जानवर बेहद स्वस्थ और प्यारे होते हैं, उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती, और बदले में आपको इतना प्यार और स्नेह देंगे, जितना आप सोच भी नहीं सकते।''
इसके साथ ही, उन्होंने सभी लोगों से अपने नजदीकी एनिमल वेलफेयर एनजीओ का दिल खोलकर समर्थन करने की अपील की।
उन्होंने कहा, ''कृपया अपने नजदीकी एनिमल वेलफेयर एनजीओ का दिल खोलकर और उदारता से समर्थन करें। मैं ऐसा करने जा रही हूं और उम्मीद करती हूं कि आप भी करेंगे। क्योंकि अदालतों में अपीलें दायर की जाती हैं और प्रक्रियाएं समय लेती हैं, ऐसे में जरूरी है कि हमारी इंसानियत तुरंत जागे। आप भी अपना योगदान दें। चाहे छोटा हो या बड़ा, हर प्रयास मायने रखता है और एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम हो सकता है।''
अगर हम स्वास्तिका मुखर्जी की बात करें, तो उन्होंने मुख्य रूप से बंगाली सिनेमा में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2001 में फिल्म 'हेमंतर पाखी' से की, लेकिन असली पहचान उन्हें रितुपर्णो घोष की फिल्म 'चोखेर बाली' (2003) से मिली। इसके बाद उन्होंने अनेक चर्चित फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें 'मस्तान', 'क्रांति', 'कृष्णकांतर विल', 'पितृभूमि', 'भूतेर भाबिष्यत', 'मिशावर रहस्सो', 'टेक वन', और 'जातिश्वर' शामिल हैं।
बंगाली सिनेमा के अलावा, उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वह 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' (2015) में अंगूरी देवी के किरदार में नजर आईं, वहीं 'दिल बेचारा' (2020) में श्रीमती बसु के किरदार में भी दर्शकों का दिल जीता। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी उन्होंने 'गुलदस्ता', 'ताशेर घर', और 'कला' जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया।