क्या विद्या सिन्हा ने 18 साल की उम्र में मॉडलिंग से बॉलीवुड में कदम रखा?
सारांश
Key Takeaways
- विद्या सिन्हा का जन्म 15 नवंबर 1947 को मुंबई में हुआ।
- उन्होंने 18 साल की उम्र में मॉडलिंग में कदम रखा।
- उनकी पहली फिल्म राजा काका थी।
- फिल्म 'रजनीगंधा' से मिली असली पहचान।
- उन्होंने कई लोकप्रिय टीवी शोज में भी काम किया।
मुंबई, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 70 के दशक में रेखा, जीनत अमान और परवीन बॉबी जैसे प्रसिद्ध सितारों के बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या सिन्हा ने अपनी एक खास जगह बनाई। उनकी मासूमियत, सादगी और अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। वे न केवल फिल्मों में, बल्कि असल जिंदगी में भी बेहद ग्लैमरस और आत्मविश्वासी थीं।
उनकी फिल्मी यात्रा की शुरुआत मॉडलिंग से हुई थी, और इसी दौरान उन्हें मिस बॉम्बे का खिताब भी मिला। यह सफलता उन्हें बॉलीवुड की दुनिया में ले गई, जहां उन्होंने बासु चटर्जी की फिल्म 'राजा काका' में अपने अभिनय की शुरुआत की।
विद्या सिन्हा का जन्म 15 नवंबर 1947 को मुंबई में हुआ। उनके पिता राणा प्रताप सिंह एक फिल्म निर्माता थे, जिससे उनका जीवन हमेशा से फिल्मों से घिरा रहा। विद्या बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं। 18 साल की उम्र में उन्होंने एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीता और मिस बॉम्बे का खिताब अपने नाम किया। यह उनकी मॉडलिंग यात्रा का एक बड़ा कदम था।
इसी कड़ी में प्रसिद्ध निर्देशक बासु चटर्जी ने उन्हें फिल्म 'राजा काका' में कास्ट किया, जो उनकी पहली फिल्म थी। हालाँकि, असली पहचान उन्हें 1974 में आई फिल्म 'रजनीगंधा' से मिली।
फिल्म 'रजनीगंधा' मन्नू भंडारी की कहानी 'सच यही है' पर आधारित थी। इस फिल्म में विद्या ने अपने किरदार में मासूमियत और सरलता का ऐसा मिश्रण पेश किया कि दर्शकों ने उन्हें पसंद करना शुरू कर दिया। फिल्म का गाना 'रजनीगंधा फूल तुम्हारे' आज भी लोगों की यादों में ताजा है। फिल्म की सफलता ने उन्हें बॉलीवुड में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया और उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर, संजीव कुमार, उत्तम कुमार और विनोद खन्ना जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया।
हालांकि, विद्या के निजी जीवन में कई चुनौतियाँ आईं। उन्होंने 1976 में वेंकटेश्वर अय्यर से शादी की, लेकिन शादी के कुछ समय बाद उनके पति गंभीर रूप से बीमार हो गए और 1996 में उनका निधन हो गया। इस दुखद घटना के बाद विद्या ने कुछ समय के लिए अभिनय से दूरी बना ली और ऑस्ट्रेलिया चली गईं।
ऑस्ट्रेलिया में उनका जीवन कुछ बदल गया और उन्होंने फिर से प्यार को मौका दिया। 2001 में उन्होंने नेताजी भीमराव सालुंखे से शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं चला और 2009 में दोनों का तलाक हो गया। निजी जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद, विद्या ने हमेशा अपनी बेटी जाहवी का ख्याल रखा और पेशेवर जिंदगी में कभी पीछे नहीं हटीं।
विद्या सिन्हा ने फिल्मों के अलावा टीवी शोज में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। उन्होंने 'काव्यांजलि', 'हार जीत', 'इश्क का रंग सफेद', 'चंद्र नंदिनी', और 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म सलमान खानबॉडीगार्ड' थी, और आखिरी टीवी शो 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' में उन्होंने कुल्फी की दादी का किरदार निभाया।
विद्या सिन्हा का निधन 15 अगस्त 2019 को हुआ। 72 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली।