क्या एक 'चोट' ने बदल दी विशाल भारद्वाज की किस्मत, क्रिकेटर से फिल्म इंडस्ट्री के 'मकबूल' बने?

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क्या एक 'चोट' ने बदल दी विशाल भारद्वाज की किस्मत, क्रिकेटर से फिल्म इंडस्ट्री के 'मकबूल' बने?

सारांश

विशाल भारद्वाज ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था, लेकिन एक चोट ने उनकी दिशा बदल दी। आज वह एक वर्सेटाइल कलाकार और सफल फिल्म निर्माता हैं। जानिए कैसे उनकी यात्रा ने उन्हें हिंदी सिनेमा के शीर्ष पर पहुँचाया।

Key Takeaways

  • विशाल भारद्वाज एक वर्सेटाइल कलाकार हैं।
  • उन्होंने संगीत, लेखन और निर्देशन में अपनी पहचान बनाई।
  • उनकी फिल्में शेक्सपियर के नाटकों पर आधारित हैं।
  • विशाल को 9 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं।
  • उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज भी एक प्रसिद्ध कलाकार हैं।

मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म इंडस्ट्री के वर्सेटाइल कलाकारों में विशाल भारद्वाज का नाम सर्वोच्च स्थान पर आता है। वह किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। म्यूजिशिन, लेखक, निर्देशक और निर्माता के तौर पर उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दी हैं। परंतु, बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका सपना एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में नहीं, बल्कि स्पोर्ट्स में करियर बनाना था।

4 अगस्त 1965 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में जन्मे विशाल का सपना क्रिकेट के मैदान में बल्ला लहराना था। उनके जन्मदाता राम भारद्वाज और सत्या भारद्वाज थे। उनके पिता हिंदी फिल्मों के लिए कविताएं और गीत लिखते थे। उनका बचपन नजीबाबाद और मेरठ में बिता। क्रिकेट के प्रति उनका पैशन इतना था कि वह उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम में खेल चुके थे। लेकिन एक प्रैक्टिस सेशन में अंगूठे की चोट ने उनके क्रिकेट करियर को समाप्त कर दिया।

17 साल की उम्र में विशाल ने एक गीत लिखा, जिसे उनके पिता ने संगीतकार उषा खन्ना को सुनवाया। यह गीत 1985 में आई फिल्म ‘यार कसम’ में शामिल किया गया, जिसने उनके संगीत की यात्रा की शुरुआत की। दिल्ली के हिंदू कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात रेखा भारद्वाज से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। उनका एक बेटा है- आसमान भारद्वाज, जो एक उभरता हुआ निर्देशक है।

विशाल ने अपने करियर की शुरुआत 1995 में फिल्म ‘अभय: द फीयरलेस’ से संगीतकार के रूप में की। लेकिन, गुलजार की फिल्म ‘माचिस’ ने उन्हें पहचान दिलाई, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर आर.डी. बर्मन पुरस्कार मिला। इसके बाद ‘सत्या’ और ‘गॉडमदर’ में उनके संगीत ने उनकी करियर को गति दी। ‘गॉडमदर’ के लिए उन्हें बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला।

साल 2002 में विशाल ने बच्चों की फिल्म ‘मकड़ी’ से निर्देशन की शुरुआत की, जिसे समीक्षकों ने सराहा। शबाना आजमी की starred यह फिल्म सफल रही।

विशाल की प्रतिभा उनकी साल 2003 में आई ‘मकबूल’, साल 2006 की ‘ओमकारा’ और साल 2014 की ‘हैदर’ में देखने को मिली। ये सभी फिल्में शेक्सपियर के नाटकों पर आधारित हैं। इन फिल्मों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। ‘हैदर’ ने पांच नेशनल अवॉर्ड जीते, हालांकि फिल्म को लेकर विवाद भी हुआ लेकिन यह उनकी बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। साल 2009 में ‘कमीने’ और 2011 में ‘7 खून माफ’ ने उनकी कहानी कहने की अनूठी शैली को दर्शकों ने सराहा।

विशाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि आमिर खान ने उन्हें शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' पर फिल्म (ओमकारा) बनाने के लिए प्रेरित किया था। वह खुद इस फिल्म में 'लंगड़ा त्यागी' का रोल करना चाहते थे। लेकिन, कुछ कारणों से वह इसका हिस्सा नहीं बन पाए।

इसके बाद विशाल ने 2013 में ‘मटरू की बिजली का मंडोला’ और 2017 में ‘रंगून’ जैसे प्रयास करके अपनी रचनात्मकता को और उभारा। उन्होंने ‘इश्किया’, ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘तलवार’ जैसी फिल्मों का निर्माण और लेखन भी किया। गुलजार के साथ उनकी जोड़ी ने 'दिल तो बच्चा है जी' जैसे कई यादगार गीत दिए।

विशाल को 9 नेशनल अवॉर्ड और एक फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं। उनकी फिल्म ‘मकड़ी’ को शिकागो अंतरराष्ट्रीय बच्चों के फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का पुरस्कार मिला, जबकि ‘ओमकारा’ और ‘हैदर’ ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रशंसा बटोरी।

Point of View

जो हमें यह बताता है कि अपने सपनों का पीछा करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

विशाल भारद्वाज का जन्म कब हुआ?
विशाल भारद्वाज का जन्म 4 अगस्त 1965 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ।
विशाल भारद्वाज ने किस फिल्म से निर्देशन की शुरुआत की?
विशाल ने 2002 में बच्चों की फिल्म 'मकड़ी' से निर्देशन की शुरुआत की।
विशाल भारद्वाज को कितने नेशनल अवॉर्ड मिले हैं?
विशाल को 9 नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं।
विशाल भारद्वाज का सबसे प्रसिद्ध काम कौन सा है?
विशाल का सबसे प्रसिद्ध काम 'मकबूल', 'ओमकारा' और 'हैदर' हैं।
विशाल भारद्वाज की पत्नी कौन हैं?
विशाल की पत्नी रेखा भारद्वाज हैं।