क्या बांग्लादेश में डेंगू से और जीवन का नुकसान होगा?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है।
- मौतों की संख्या 326
- नए मामले रोजाना बढ़ रहे हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया है।
- डेंगू से बचाव के उपाय महत्वपूर्ण हैं।
ढाका, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। देशभर में संक्रमण और मौतों में वृद्धि देखी जा रही है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 24 घंटों में इस बीमारी से तीन लोगों की मौत हो गई, जिससे मच्छर जनित बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 326 पहुंच गई है।
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अनुसार, इसी अवधि के दौरान 833 नए मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिससे 2025 में डेंगू के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 82,606 हो गई है।
नई मौतें ढाका नॉर्थ सिटी कॉर्पोरेशन में 1, ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन में 1 और राजशाही डिवीजन में 1 हुईं हैं। वहीं, वर्तमान में, ढाका के अस्पतालों में 1,063 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि देश भर के अस्पतालों में 3,332 मरीज भर्ती हैं।
डीजीएचएस की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष डेंगू के रोगियों में 62.4 प्रतिशत पुरुष और 37.6 प्रतिशत महिलाएं हैं। मरने वालों में 53.1 प्रतिशत पुरुष और 46.9 प्रतिशत महिलाएं थीं।
बांग्लादेश में 2024 में डेंगू के कारण कुल 575 लोगों की जान जा चुकी है।
9 अक्टूबर को, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के महानिदेशक अबू जाफर ने बताया कि 2025 में डेंगू के मामलों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होगी। हालांकि, मृत्यु दर कम होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय में 'टाइफाइड टीकाकरण अभियान-2025' पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए, अबू जाफर ने कहा, "इस वर्ष, डेंगू संक्रमण की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है, लेकिन संक्रमण के अनुपात में मृत्यु दर कम है।"
उन्होंने डेंगू की रोकथाम के लिए मच्छरों के प्रजनन और लार्वा के विनाश को महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, "हमारे आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में डेंगू से होने वाली 50 प्रतिशत से ज्यादा मौतें भर्ती होने के पहले ही दिन हो रही हैं। इससे पता चलता है कि मरीज भी देखभाल की तलाश में हैं। हम अस्पतालों में उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी, लापरवाही और चिकित्सा देखभाल में देरी, डेंगू से होने वाली मौतों की बढ़ती दर के मुख्य कारण हैं।