क्या बार-बार नाभि खिसकने की समस्या से जूझ रहे हैं? इस आसनों से पेट दर्द से मिलेगी राहत
सारांश
Key Takeaways
- पेट दर्द की समस्याएं अक्सर नाभि खिसकने के कारण होती हैं।
- योगासन जैसे मंडूकासन और पवनमुक्तासन से राहत मिल सकती है।
- गर्म तेल से मालिश करने से भी नाभि की समस्या में सुधार हो सकता है।
- त्रिफला चूर्ण का सेवन पेट दर्द में मददगार होता है।
- यदि दर्द अधिक हो, तो चिकित्सक से सलाह लें।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पेट से जुड़ी अधिकतर समस्याएं आमतौर पर पाचन या खराब खानपान के कारण होती हैं, जिनका पता लगाना आसान होता है। लेकिन कभी-कभी, नाभि खिसकने के कारण असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं, लेकिन कुछ योगासन से इसमें राहत पा सकते हैं।
आयुर्वेद में नाभि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, जो शरीर की 72,000 नाड़ियों से जुड़ी होती है। इसके खिसक जाने पर शरीर में अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं और यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।
यह समस्या अचानक भारी सामान उठाने, चलते-चलते पैर मुड़ने, सोते समय गलत करवट लेने, पेट की मांसपेशियों के कमजोर होने या चोट लगने के कारण हो सकती है।
नाभि खिसकने से पेट फूलने, खाना खाने के तुरंत बाद वॉशरूम जाने, और हर समय हल्का दर्द महसूस करने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ऐसी स्थिति में, योगासन और कुछ व्यायाम के माध्यम से नाभि को ठीक किया जा सकता है। हालांकि, यदि दर्द अधिक हो तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
मंडूकासन, सेतुबंधासन, पवनमुक्तासन, नौकासन और कपालभाति प्राणायाम करने से राहत मिल सकती है। ये सभी आसन पेट से जुड़े हैं और पाचन समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।
इसके अलावा, किसी भी तेल को गर्म करके नाभि के आसपास मालिश की जा सकती है। हल्के हाथ से मालिश करें। यदि मालिश करते समय भी अधिक दर्द हो रहा है, तो तुरंत आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।
नाभि खिसकने की समस्या होने पर पैरों के तलवे और पिंडलियों की मालिश करें। ऐसा करने से दर्द में आराम मिलता है। साथ ही, नाभि में हल्के गर्म सरसों का तेल डालना भी फायदेमंद हो सकता है। त्रिफला चूर्ण भी नाभि खिसकने में राहत प्रदान करता है। सुबह और शाम आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण हल्के गुनगुने पानी के साथ लें, जिससे पेट में होने वाले दर्द से राहत मिलेगी।