क्या 'सिद्धासन' भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव कम करने में मदद कर सकता है?

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क्या 'सिद्धासन' भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव कम करने में मदद कर सकता है?

सारांश

सिद्धासन एक प्राचीन योगासन है जो तनाव कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है। भागदौड़ भरी जिंदगी में इसे नियमित रूप से करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। जानें सिद्धासन के लाभ और इसे कैसे करें।

Key Takeaways

  • सिद्धासन मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • यह एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
  • सिद्धासन से पाचन में सुधार होता है।
  • यह दमा और मधुमेह में लाभकारी है।
  • सही मुद्रा में अभ्यास करने पर कूल्हों और घुटनों को आराम मिलता है।

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के तेज़ भागते जीवन में स्वस्थ आहार और योगासन हमारे स्वास्थ्य को संजीवनी प्रदान करते हैं, लेकिन हम अक्सर तब तक ध्यान नहीं देते जब तक कोई स्वास्थ्य समस्या हमें घेर नहीं लेती। ऐसे में सिद्धासन एक अद्भुत योगासन है, जो मन को शांत और एकाग्रता को बढ़ाता है।

सिद्धासन योग विज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ध्यान लगाने वाले आसनों में से एक है। 'सिद्ध' का अर्थ है 'पूर्ण' या 'ज्ञानी'। यह एक ऐसी योग मुद्रा है जिसमें पैर की एड़ी को पेरिनियम और दूसरे पैर की एड़ी को जननांग के ऊपर रखकर रीढ़ को सीधा रखते हुए ध्यान केंद्रित किया जाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह योगासन सिद्ध चिकित्सा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण योगिक अभ्यास क्रिया है, जो चित्ति (पूर्णता) से जुड़ा है और मन को शांत करता है, जिससे शरीर की ऊर्जा (प्राण) को ऊपर की ओर निर्देशित किया जा सकता है।

इसके नियमित अभ्यास से पाचन और कई तरह के शारीरिक व मानसिक रोग जैसे दमा और मधुमेह में लाभ मिलता है। इसके साथ ही, यह आसन कूल्हों, घुटनों और टखनों को स्ट्रेच करता है।

इसे नियमित रूप से करने के लिए योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी को पेरिनियम के बीच पर मजबूती से रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़ें और इसकी एड़ी को बाएं पैर की एड़ी के ठीक ऊपर रखें। दाएं पैर की उंगलियों को बाएं पैर की जांघ और पिंडली के बीच के जोड़ में फंसा दें। अब रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिर को बिल्कुल सीधा रखें और अपनी आंखें बंद करके ध्यान केंद्रित करें।

इसके नियमित अभ्यास से कई तरह के लाभ मिलते हैं। अगर किसी के घुटनों या कूल्हों में दर्द हो तो सावधानी से करें या कुर्सी का सहारा लें। गहरी सांस लेते समय या प्राणायाम के समय उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति सतर्क रहें।

Point of View

मैं मानता हूँ कि योग और खासकर सिद्धासन, आज के तनावपूर्ण जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे अपनाकर हम न केवल अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपने दैनिक जीवन की चुनौतियों का सामना भी कर सकते हैं।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

सिद्धासन के क्या लाभ हैं?
सिद्धासन से मन की शांति, एकाग्रता में वृद्धि और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
क्या सिद्धासन सभी के लिए सुरक्षित है?
यह आसन सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन घुटनों या कूल्हों में दर्द होने पर सावधानी बरतनी चाहिए।
सिद्धासन करने का सही तरीका क्या है?
योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठकर, पैर को सही स्थिति में रखकर रीढ़ को सीधा रखते हुए ध्यान केंद्रित करें।
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