क्या ये योगासन डायबिटीज के मरीजों को राहत दिलाने में सहायक हैं?
सारांश
Key Takeaways
- नियमित योगाभ्यास से रक्त शुगर नियंत्रित रहता है।
- आसन घर पर ही किए जा सकते हैं।
- योग आपकी इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
- रोजाना 20-30 मिनट का अभ्यास फायदेमंद है।
- तनाव को कम करने में योग मदद करता है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इस स्थिति में शारीरिक कष्ट डायबिटीज के मरीजों को घेर लेती हैं। योग पद्धति में ऐसे कई आसन हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायी साबित हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश सरकार का आयुष विभाग डायबिटीज के मरीजों को दवाओं के साथ-साथ योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है और इसे एक उत्कृष्ट प्राकृतिक उपचार बताता है।
नियमित योगाभ्यास से रक्त शुगर स्तर नियंत्रित रहता है, शरीर सक्रिय बना रहता है और तकलीफें कम होती हैं। विशेषकर मंडूकासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, कपालभाति, भुजंगासन और हलासन जैसे सरल आसन मधुमेह के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं। ये आसन घर पर ही किए जा सकते हैं और इनका अभ्यास सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा रहता है।
आयुष विभाग का कहना है कि योग न केवल शुगर को नियंत्रित करता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है, पाचन को सुधारता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। रोजाना 20-30 मिनट योग करने से मरीज खुद को फिट और ऊर्जा से भरा महसूस करते हैं। आयुष विभाग मुख्य छह योगासनों की जानकारी प्रदान करता है, जिनका अभ्यास करना बेहद लाभकारी है।
मंडूकासन पैनक्रियाज को सक्रिय करता है। इससे इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है और रक्त शुगर नियंत्रित रहता है। घुटनों के बल बैठकर मुट्ठी बांधें और नाभि पर दबाव डालते हुए आगे झुकें।
धनुरासन में पेट के बल लेटकर पैरों को हाथों से पकड़कर धनुष की तरह शरीर को ऊपर उठाएं। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और रक्त शुगर को स्थिर रखता है। इससे मोटापा भी कम होता है।
पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास के लिए बैठकर पैर सीधे रखें और आगे झुककर पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। यह मन को शांत करता है, तनाव को दूर करता है और रक्त शुगर को संतुलित रखता है।
कपालभाति में तेजी से सांस छोड़ें और पेट को अंदर-बाहर करें। यह पेट की चर्बी घटाता है, मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शुगर स्तर को नियंत्रित रखता है। भुजंगासन में पेट के बल लेटकर शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। यह रीढ़ को लचीला बनाता है, तनाव को कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है।
हलासन में पीठ के बल लेटकर पैरों को सिर के पीछे ले जाएं। यह हॉर्मोन्स को संतुलित करता है और डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार है।