चपाती: डायबिटीज से लेकर दिल की सेहत तक, क्या हैं इसके फायदे?

सारांश
Key Takeaways
- चपातीग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ होता है।
- यह दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
- चपाती में फाइबर होता है जो पाचन में सुधार करता है।
- यह वजन नियंत्रण में मदद करती है।
- महिलाओं और बच्चों के लिए यह एक सस्ता पोषण स्रोत है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में हमारी जीवनशैली इतनी तेज और व्यस्त हो गई है कि यह असंतुलित भी होती जा रही है। भागदौड़ भरी दिनचर्या, लगातार बैठकर काम करने की आदतें और जंक फूड से भरा खान-पान, ये सभी चीजें हमारी स्वास्थ्य को गंभीरता से प्रभावित कर रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, लोग कम उम्र में ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले अपने खाने की थाली में बदलाव करना आवश्यक है। इस संदर्भ में एक बहुत ही साधारण लेकिन प्रभावी चीज जो आपके रोजाना के भोजन में शामिल की जा सकती है, वह है 'चपाती'.
चपाती, जिसे आमतौर पर रोटी कहा जाता है, भारतीय भोजन का एक मुख्य हिस्सा है। यह मुख्यतः गेहूं के आटे से बनाई जाती है। इसमें भरपूर पोषण मौजूद होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसे सही तरीके से तैयार किया जाए और खाया जाए, तो यह न केवल ऊर्जा देती है बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचाने में सहायक हो सकती है।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, चपाती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल की तुलना में कम होता है। इसका अर्थ है कि चपाती खाने के बाद ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है।
साल 2020 में एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से चपाती खाने से न केवल ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल स्तर भी नियंत्रण में रहता है।
कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि चपाती का सेवन दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। यदि इसे कम घी या तेल में बनाया जाए तो यह दिल के रोगियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। 2016 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, फाइबर युक्त और कम वसा वाला भोजन दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है, और चपाती इन दोनों शर्तों को पूरा करती है।
कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि चपाती में उपस्थित फाइबर न केवल पाचन में सुधार करता है बल्कि कब्ज से भी राहत प्रदान करता है। यह आंतों को साफ रखने में सहायक है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। इससे बार-बार भूख लगने और ओवरइटिंग की समस्या भी कम हो जाती है, जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करती है।
एनआईएच के अनुसार, चपाती में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, फोलेट (बी9), विटामिन ई और मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम और जिंक प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व शरीर की बुनियादी जरूरतों के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए यह एक सस्ता और प्रभावी पोषण स्रोत है।