क्या गर्भावस्था में एक्सरसाइज, सॉना बाथ और गर्म पानी सुरक्षित हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गर्भवती महिलाएं गर्मियों में एक्सरसाइज कर सकती हैं।
- सॉना बाथ लेना सुरक्षित है।
- गर्मी में एक्सरसाइज से बच्चे को कोई खतरा नहीं।
- तैराकी और एक्वा एरोबिक्स करना भी सुरक्षित है।
- कोई भी गतिविधि शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर अनेक सलाहें दी जाती हैं। कोई यह कहता है कि ज्यादा नहीं चलना चाहिए, कोई ठंडी जगह पर रहने की सलाह देता है, और कुछ लोग गर्म पानी से दूर रहने की सलाह देते हैं। साथ ही, सॉना बाथ और एक्सरसाइज से बचने की बात भी की जाती है। अधिकांश लोगों का मानना है कि इनसे बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है। लेकिन क्या यह सही है? वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में की गई रिसर्च ने इन सभी बातों को चुनौती दी है।
यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है और इसे ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि यदि गर्भवती महिलाएँ सुरक्षा का ध्यान रखें, तो वे गर्म मौसम में एक्सरसाइज कर सकती हैं, सॉना बाथ ले सकती हैं, और इससे बच्चे को कोई खतरा नहीं होता।
इस अध्ययन का नेतृत्व प्रोफेसर ओली जे ने किया है। उनका कहना है कि कई महिलाएँ गर्मी के कारण एक्सरसाइज करने से कतराती हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि इससे बच्चे को नुकसान न हो। लेकिन इस रिसर्च में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है जो यह साबित करे कि गर्मी में की गई एक्सरसाइज या सॉना बाथ लेने से कोई हानि होती है।
इस रिसर्च में 347 गर्भवती महिलाओं पर 12 अलग-अलग अध्ययन किए गए थे। इसमें देखा गया कि जब महिलाएँ गर्मी में एक्सरसाइज करती हैं या सॉना बाथ लेती हैं तो उनके शरीर की प्रतिक्रिया क्या होती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाएँ 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 45 प्रतिशत आर्द्रता में 80 से 90 प्रतिशत अधिकतम हृदय गति की तीव्रता पर लगभग 35 मिनट तक एक्सरसाइज कर सकती हैं, और इससे बच्चे पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
इसी तरह, 33.4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान वाले पानी में गर्भवती महिलाएँ तैराकी या एक्वा एरोबिक्स जैसी गतिविधियाँ कर सकती हैं। वे 45 मिनट तक पानी में रह सकती हैं, और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके अलावा, शोध में यह भी सामने आया है कि गर्भवती महिलाएँ 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म पानी के टब में या 70 डिग्री सेल्सियस के सॉना बाथ में, जहाँ नमी केवल 15 प्रतिशत होती है, 20 मिनट तक बैठ सकती हैं।
इस पूरी रिसर्च में किसी भी महिला का शरीर का तापमान उस सीमा तक नहीं पहुँचा जिसे खतरनाक माना जाता है। अधिकांश मामलों में तापमान इससे काफी कम रहा।
हालांकि, रिसर्च टीम ने यह भी कहा है कि प्रत्येक महिला की सेहत अलग होती है, इसलिए किसी भी गतिविधि को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।