गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस क्यों होती है?

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गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस क्यों होती है?

सारांश

क्या गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस सिर्फ एक सामान्य समस्या है? जानिए इसके पीछे के कारण और आयुर्वेदिक उपाय जो इसे कम करने में मदद कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था का सामान्य लक्षण है।
  • अदरक का सेवन राहत प्रदान कर सकता है।
  • योग और प्राणायाम मददगार होते हैं।
  • संतुलित आहार और गुनगुना पानी लें।
  • गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गर्भावस्था के प्रारंभिक चरणों में कई महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं। यह एक सामान्य समस्या है और अधिकांश महिलाओं में देखने को मिलती है। इस दौरान शरीर में हार्मोन के बदलाव होते हैं, जिससे पाचन प्रभावित होता है और भावनाएं भी संवेदनशील हो जाती हैं। जब पेट खाली होता है, तब मतली की तीव्रता बढ़ जाती है और कुछ खाद्य पदार्थों की गंध से बेचैनी होती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, एचसीजी हार्मोन तेजी से बढ़ता है, जो मस्तिष्क के उल्टी केंद्र को सक्रिय करता है। ब्लड शुगर के स्तर में कमी और गंध के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि से भी मतली की समस्या बढ़ती है। इसके लक्षणों में सुबह उठते ही उल्टी, मुंह में कड़वा स्वाद, चक्कर आना, थकान, हल्का बुखार और पेट में जलन शामिल हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, इसका मुख्य कारण पित्त दोष का बढ़ना और मन की अस्थिरता है। आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों से इसे प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। सबसे प्रभावी उपाय है अदरक। सुबह उठते ही हल्का अदरक का पानी पीना या अदरक चबाना पाचन को सुधारता है और मतली को कम करता है।

नींबू और शहद वाला गुनगुना पानी भी राहत प्रदान करता है। नींबू पित्त को शांत करता है और शहद ऊर्जा प्रदान करता है। हालांकि, यदि पेट में जलन हो, तो नींबू का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा, इलायची की सुगंध तुरंत राहत देती है। इसे चबाएं या इलायची का पानी दिन में दो बार लें। ये उपाय हल्के और सुरक्षित हैं, जिन्हें यात्रा में भी आसानी से ले जाया जा सकता है।

योग और श्वसन तकनीकें भी मददगार साबित होती हैं। हल्की प्राणायाम विधियाँ पित्त को शांत करती हैं, इसलिए सुबह 5 मिनट ध्यान करना फायदेमंद है। तेज योगासन या झटके देने वाले अभ्यास से बचें, क्योंकि मन की स्थिरता से ही मतली में कमी आती है।

साथ ही, आहार पर विशेष ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। बहुत तला हुआ, मसालेदार या भारी भोजन न करें, छोटे-छोटे हिस्सों में खाएं, सुबह उठने के बाद हल्का नाश्ता करें और कमरे में तेज गंध से बचें। गुनगुना पानी लेना बेहतर होता है, ठंडा पानी नुकसान कर सकता है।

सावधानियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। यदि बहुत तेज मतली, लगातार उल्टी, कम पेशाब, या अत्यधिक थकान जैसी स्थिति उत्पन्न हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मानसिक संतुलन भी बहुत आवश्यक है। तनाव के बढ़ने से मतली की समस्या बढ़ती है, इसलिए शांत संगीत सुनें, गहरी सांसें लें और दिनभर आरामदायक माहौल बनाएं।

Point of View

NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

मॉर्निंग सिकनेस क्या है?
मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली मतली और उल्टी की स्थिति है।
यह समस्या कब शुरू होती है?
यह आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तिमाही में शुरू होती है।
क्या अदरक का सेवन करना सुरक्षित है?
जी हां, अदरक का सेवन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है और यह मतली को कम करने में मदद करता है।
क्या योग करना सुरक्षित है?
हल्के योग और प्राणायाम करना गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है, लेकिन तेज योगासनों से बचना चाहिए।
कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
यदि लगातार उल्टी हो, या अन्य गंभीर लक्षण उत्पन्न हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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