क्या शीतली प्राणायाम गर्मी में तन और मन को राहत दे सकता है? आयुष मंत्रालय ने बताया सही तरीका

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क्या शीतली प्राणायाम गर्मी में तन और मन को राहत दे सकता है? आयुष मंत्रालय ने बताया सही तरीका

सारांश

गर्मी की तपिश में शीतली प्राणायाम एक ऐसा उपाय है, जो आपके तन और मन को ठंडक पहुंचा सकता है। जानें इसके लाभ और विधि, जो आयुष मंत्रालय ने साझा की है।

Key Takeaways

  • शीतली प्राणायाम गर्मी में शरीर की उष्णता को कम करता है।
  • यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार है।
  • पाचन तंत्र को सुधारता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
  • त्वचा और आंखों की सेहत में सुधार लाता है।
  • मानसिक शांति को बढ़ावा देता है।

नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तेज धूप, उमस और बढ़ती गर्मी के कारण शरीर में थकान, चिड़चिड़ापन और बेचैनी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे समय में, भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नियमित रूप से योग और प्राणायाम के माध्यम से लोगों को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। हाल ही में, मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर शीतली प्राणायाम के बारे में एक पोस्ट साझा किया, जिसमें इस विशेष प्राणायाम का अभ्यास करने की विधि और इसके लाभों का विवरण दिया गया है।

शीतली प्राणायाम एक ऐसा श्वास अभ्यास है जो शरीर की उष्णता को कम करने में सहायक है। गर्मियों में, शरीर का तापमान बढ़ने से व्यक्ति को सिरदर्द, चक्कर आना, थकावट और अत्यधिक पसीने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस प्राणायाम में, जब हम अपनी जीभ को नली के आकार में मोड़कर मुंह से ठंडी हवा खींचते हैं और फिर नाक से धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हैं, तो यह प्रक्रिया शरीर को अंदर से ठंडक प्रदान करती है। यह गर्मी से राहत पाने का एक प्राकृतिक उपाय है।

यह प्राणायाम उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। जब हमारा मन तनावग्रस्त होता है या शरीर में गर्मी अधिक होती है, तो रक्तचाप बढ़ सकता है। शीतली प्राणायाम के माध्यम से गहरी और धीमी सांस लेने से हमारा नाड़ी तंत्र शांत होता है और दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित होता है।

अधिकतर लोग आजकल पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे बदहजमी, जलन और खट्टी डकारों से परेशान रहते हैं। विशेष रूप से गर्मियों में पित्त के बढ़ने के कारण ये समस्याएं और अधिक बढ़ जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में पित्त बढ़ने से पेट में गर्मी और जलन जैसी शिकायतें होती हैं। शीतली प्राणायाम इस पेट की गर्मी को कम करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

इस प्राणायाम का एक और बड़ा लाभ त्वचा और आंखों की सेहत पर भी देखने को मिलता है। गर्मियों में धूप के कारण त्वचा पर रैशेज, दाने या जलन हो सकती है, वहीं आंखों में जलन या लालिमा जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। जब हम रोजाना शीतली प्राणायाम करते हैं, तो यह शरीर के तापमान के साथ-साथ त्वचा की कोशिकाओं को भी ठंडक प्रदान करता है। इससे त्वचा में निखार आता है और आंखों में थकावट या जलन की समस्या दूर होती है।

शीतली प्राणायाम मानसिक शांति देने वाला अभ्यास भी है। गर्मी के कारण मन अक्सर चिड़चिड़ा हो जाता है, नींद ठीक से नहीं आती और दिमाग बेचैन रहता है। जब हम गहरी सांस लेते हैं, तो हमारा मन भीतर से शांत होता है।

आयुष मंत्रालय ने अपने पोस्ट में इस प्राणायाम को करने की विधि बताते हुए लिखा है कि इसे करने के लिए जीभ को गोल आकार में मोड़ें। फिर मुंह से सांस लें और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि शीतली प्राणायाम एक अद्भुत तरीका है गर्मियों में स्वास्थ्य को बनाए रखने का। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता है?
इस प्राणायाम को करने के लिए जीभ को गोल आकार में मोड़ें, फिर मुंह से सांस लें और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें।
क्या शीतली प्राणायाम उच्च रक्तचाप के लिए फायदेमंद है?
हाँ, यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है क्योंकि यह नाड़ी तंत्र को शांत करता है।
क्या यह प्राणायाम गर्मियों में त्वचा के लिए फायदेमंद है?
जी हाँ, यह त्वचा को ठंडक देता है और जलन और रैशेज से राहत दिलाता है।
शीतली प्राणायाम करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सुबह या शाम के समय, जब तापमान कम होता है, तब इसे करना सबसे अच्छा होता है।