क्या 'हलासन' मांसपेशियों को मजबूत करता है? जानें इसके पांच फायदे
 
                                सारांश
Key Takeaways
- हलासन मांसपेशियों को लचीलापन और ताकत देता है।
- यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।
- तनाव और थकान को कम करता है।
- थायरॉयड ग्रंथि के कार्य में सुधार करता है।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योग भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का एक प्रभावी तरीका है। इनमें से एक प्रमुख योग आसन है 'हलासन', जिसे अंग्रेजी में 'प्लो पोज' के नाम से जाना जाता है। हलासन न केवल मांसपेशियों को लचीलापन प्रदान करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत बनाने और तनाव को कम करने में सहायक है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, हलासन के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलता है।
'हलासन' दो शब्द 'हल' और 'आसन' से मिलकर बना है। 'हल' एक पारंपरिक कृषि उपकरण है, जिसका उपयोग खेतों की जुताई के लिए किया जाता है। इस आसन में शरीर की आकृति हल के समान बनती है, इसलिए इसे 'हलासन' कहा जाता है। योग शास्त्र में हर आसन का नाम उसकी मुद्रा के अनुसार रखा जाता है, और हलासन भी इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह आसन गर्दन, कंधे, पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, हलासन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह मांसपेशियों को लचीला बनाता है और तंत्रिका तंत्र को दुरुस्त रखता है। यह तनाव और थकान को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। इसके अतिरिक्त, हलासन थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को सुधारता है, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हलासन का नियमित अभ्यास पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि हलासन करने की सही विधि क्या है? इसके लिए पीठ के बल लेटें और दोनों पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से जमीन की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को शरीर के साथ रखें या पीठ को सहारा दें। इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक रुकें और गहरी सांस लें। इस आसन का अभ्यास धीरे-धीरे और योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए, खासकर जब शुरुआत कर रहे हों।
हलासन स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद है। हालांकि, हलासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर या गर्दन, पीठ दर्द की समस्या वाले व्यक्तियों को यह आसन करने से बचना चाहिए। शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            