क्या केरल में रैट फीवर और अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस का खतरा बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- स्वास्थ्य विभाग ने रैट फीवर और अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस के लिए रोकथाम के उपाय तेज किए हैं।
- उच्च जोखिम वाले कार्यों में लगे लोगों को डॉक्सीसाइक्लिन टैबलेट दी जाएंगी।
- लोगों को गंदे जलाशयों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
- सभी कुओं में क्लोरीनेशन किया जाएगा।
- जागरूकता फैलाना संक्रमण रोकने का महत्वपूर्ण कदम है।
तिरुवनंतपुरम, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केरल में रैट फीवर के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद, स्वास्थ्य विभाग और पंचायतें पूरी तरह से अलर्ट हो गई हैं। इसी संदर्भ में, अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस के फैलाव को रोकने के लिए स्वास्थ्य निगरानी और रोकथाम के उपायों को तेज किया गया है।
हाल ही में करुवथदम भास्करन नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि दो अन्य लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
पेरुवल्लूर में स्वास्थ्य स्थायी समिति ने उन व्यक्तियों को डॉक्सीसाइक्लिन टैबलेट वितरण करने का निर्णय लिया है जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्र जैसे धान के खेतों, कीचड़ भरे स्थानों और जलाशयों में कार्यरत हैं, जहां चूहों के मूत्र के संपर्क में आने की संभावना है। पंचायत ने मनरेगा मजदूरों, किसानों और पशुपालकों को उच्च जोखिम वाले वर्ग के रूप में चिन्हित किया है। इन लोगों को जागरूक करने के लिए माइक से घोषणाएँ की जाएंगी और नोटिस के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा।
लोगों को स्थिर और गंदे जलाशयों से दूर रहने की सलाह दी गई है। सभी कुओं में क्लोरीनेशन किया जाएगा। इसके अलावा, लोगों को खाना ढककर रखने और आसपास की सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि चूहों को दूर रखा जा सके।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और सिरदर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। स्वास्थ्य समिति ने लोगों को आगाह किया है कि इन मामलों में तुरंत मेडिकल हेल्प आवश्यक है। खुद से इलाज करना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। बीमारी और उससे बचने के उपायों पर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल थे।
इस बीच, मूनियूर पंचायत ने अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर स्वास्थ्य चेतावनी घोषित की है। दूषित पानी में पाए जाने वाले अमीबा से होने वाले घातक संक्रमण के कारण स्थानीय स्वास्थ्य समिति ने एहतियाती कदम उठाए।
पंचायत अध्यक्ष एन.एम. सुहराबी की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी कुओं का क्लोरीनीकरण किया जाएगा, तालाबों और सार्वजनिक जल स्रोतों के निकट चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, और घर-घर स्वास्थ्य दिशानिर्देशों वाले पर्चे वितरित किए जाएंगे।
साथ ही, लोगों को सलाह दी गई है कि वे ठहरे हुए तालाबों में नहाने या तैरने से बचें और रोजमर्रा के उपयोग में पानी की स्वच्छता सुनिश्चित करें। अधिकारियों ने कहा कि आम जनता के बीच जागरूकता फैलाना संक्रमण को रोकने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।