क्या कमजोर और टूटते नाखून बीमारी का संकेत हैं? भूलकर भी न करें नजरअंदाज!

सारांश
Key Takeaways
- नाखून हमारी सेहत का आईना होते हैं।
- पोषण की कमी से नाखून कमजोर होते हैं।
- बायोटिन, आयरन, और जिंक नाखूनों के लिए आवश्यक हैं।
- विटामिन ई और सी नाखूनों को मजबूत बनाते हैं।
- आयुर्वेद में पाचन शक्ति को सुधारने पर जोर दिया जाता है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारी त्वचा, बाल और नाखून हमारी सेहत का एक महत्वपूर्ण आईना होते हैं। जब शरीर अंदर से स्वस्थ रहता है, तब नाखून चमकदार और मजबूत होते हैं। लेकिन जैसे ही शरीर में पोषण की कमी होने लगती है, सबसे पहले असर नाखूनों पर दिखाई देता है। वे टूटने लगते हैं, छिलने लगते हैं, या उनमें सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। आयुर्वेद और विज्ञान, दोनों मानते हैं कि जब शरीर का पोषण सही नहीं होता, तो ऐसे संकेत सबसे पहले नाखूनों पर मिलते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, नाखून अस्थिधातु (हड्डियों) का उपधातु होते हैं। जब शरीर में अस्थिधातु की पोषण प्रक्रिया में कोई रुकावट आती है, तो इसका असर नाखूनों पर स्पष्ट होता है। यही कारण है कि कमजोर नाखून केवल एक बाहरी समस्या नहीं हैं, बल्कि आंतरिक असंतुलन का संकेत देते हैं। वहीं, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, नाखून मुख्यतः केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। इस प्रोटीन के निर्माण के लिए शरीर को विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जब इन पोषक तत्वों की कमी होती है, तो नाखूनों की गुणवत्ता में कमी आने लगती है।
कुछ पोषक तत्वों की कमी से नाखून कमजोर और टूटने लगते हैं। इनमें से एक है बायोटिन, जिसे विटामिन बी7 भी कहा जाता है। यह नाखूनों की मजबूती के लिए अत्यंत आवश्यक माना जाता है। यह शरीर में केराटिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे नाखून मजबूत बनते हैं। जब बायोटिन की कमी होती है, तो नाखून पतले, जल्दी टूटने वाले और छिलने वाले बन जाते हैं।
आयरन की भूमिका शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में होती है। जब आयरन की मात्रा कम होती है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर नाखूनों पर इस तरह पड़ता है कि वे मुड़ने लगते हैं, जिसे चिकित्सा भाषा में कोइलोनाइकिया कहते हैं। ऐसे नाखून दिखने में भी कमजोर लगते हैं और अक्सर टूट जाते हैं।
जिंक भी एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो नाखूनों की मरम्मत में मदद करता है। इसकी कमी से नाखूनों पर सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं और नाखूनों की गुणवत्ता गिरने लगती है। जिंक की कमी से संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है, जिससे नाखूनों की वृद्धि धीमी हो जाती है।
विटामिन ई और सी भी नाखूनों की मजबूती में सहायक होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। विटामिन सी की कमी से कोलेजन बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जो नाखूनों को लचीला और टूट-फूट से बचाता है।
आयुर्वेद कहता है कि जब शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति कमजोर होती है, तो खाया गया भोजन ठीक से पचता नहीं और शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर सबसे पहले बालों और नाखूनों पर नजर आता है। इसलिए शरीर की पाचन शक्ति को सुधारना और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना अत्यंत आवश्यक है।