क्या 'जॉम्बी सेल्स' को हटाने में छिपा है 'लॉन्जेविटी साइंस' का रहस्य?
सारांश
Key Takeaways
- सिनोलिटिक ड्रग्स उम्र बढ़ने की समस्याओं को कम कर सकती हैं।
- जॉम्बी सेल्स शरीर में सूजन और अन्य बीमारियों का कारण बनते हैं।
- छोटे ट्रायल में दवाओं का सकारात्मक प्रभाव देखा गया है।
- स्वस्थ आदतों का संयोजन दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकता है।
- यह एक स्लो एजिंग थेरेपी है, जिसका प्रभाव आंतरिक स्तर पर होता है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 'लॉन्जेविटी साइंस' यानी कि लंबी और स्वास्थ्यप्रद उम्र के विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रहा है। इस वर्ष में कई नई अध्ययनें सामने आई हैं, जिन्होंने स्पष्ट किया है कि सिनोलिटिक ड्रग्स हमें उम्र बढ़ने से जुड़ी कई समस्याओं से बचा सकती हैं। ये सिनोलिटिक ड्रग्स ऐसी दवाएं हैं जो शरीर में मौजूद जॉम्बी सेल्स (खराब और बूढ़े सेल्स) को समाप्त करती हैं।
साधारण भाषा में समझें तो हमारे शरीर में कुछ सेल्स ऐसे होते हैं जो मरते नहीं, किंतु कार्य नहीं करते। इनकी उपस्थिति से शरीर में सूजन, गठिया, कमजोरी, थकान और दिल तथा फेफड़ों की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। सिनोलिटिक्स का कार्य इन बेकार सेल्स को खत्म करना है, जैसे घर से कचरा निकालना।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक प्रारंभिक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक आयु के 12 व्यक्तियों को 12 हफ्तों तक सिनोलिटिक दवाएं दी गईं। उन्हें हर दो हफ्ते में केवल दो दिनों के लिए दवा लेनी थी। इस छोटे ट्रायल में पाया गया कि दवा लेने से लोगों की याददाश्त, चलने की क्षमता और ध्यान में हल्का सुधार हुआ, और कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखा गया।
एक अन्य शोध में, वैज्ञानिकों ने मानव रक्त से निकाले गए कोशिकाओं पर सिनोलिटिक दवाएं प्रयोग कीं। केवल तीन दिनों में इन सेल्स की डीएनए उम्र में कमी पाई गई, अर्थात सेल्स कुछ हद तक 'जवान' हो गए। यह अभी एक लैब-स्टडी है, लेकिन यह दर्शाती है कि दवा का प्रभाव आंतरिक स्तर पर कितना गहरा हो सकता है।
2025 की रिसर्च एक बात पर सहमत है कि ये दवाएं कोई जादू नहीं हैं, बल्कि स्लो एजिंग थेरेपी हैं। इसका मतलब यह है कि यह अचानक झुर्रियों को दूर करने या आपको युवा बनाने का काम नहीं करती, लेकिन यह शरीर में उम्र बढ़ने की गति को धीमा कर सकती हैं, जिससे चलने में कठिनाई न हो, जोड़ों का दर्द कम हो, थकान कम हो, और याददाश्त स्थिर रहे।
डॉक्टरों का कहना है कि यदि सिनोलिटिक्स के साथ अच्छी आदतों का संयोजन किया जाए, जैसे कि अच्छी नींद लेना, प्रोटीन और विटामिन डी को आहार में शामिल करना और हल्की कसरत करना, तो परिणाम और भी बेहतर हो सकते हैं।