क्या लौकी का जूस पीकर दिल का ध्यान रखा जा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- लौकी का जूस हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है।
- यह पाचन में मदद करता है।
- लौकी का सेवन शरीर को डिटॉक्स करता है।
- यह वजन को नियंत्रित करने में सहायक है।
- लौकी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारे वेदों में हर बीमारी का उपचार घरेलू चीजों से संभव है। आयुर्वेद में रोगों के इलाज के लिए मुख्यतः रसोईघर में उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जाता है।
महाऋषि वागवट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक में कई रोगों के उपचार के उपाय बताए हैं और हृदय रोग के लिए 'अष्टांग हृदय' की रचना की। इसमें हृदय को स्वस्थ रखने और हार्ट अटैक से बचने के उपायों का उल्लेख किया गया है।
महाऋषि वागवट का मानना है कि हार्ट अटैक का खतरा उस समय बढ़ता है जब रक्त में अम्लीयता यानी एसिडिटी बढ़ जाती है, जिससे हृदय की नलियां मोटी होकर रक्त प्रवाह को बाधित करने लगती हैं। विज्ञान भी बताता है कि पाचन की गति में कमी आने पर पेट में एसिडिटी उत्पन्न होती है, जिससे खट्टी डकार और गैस की समस्या होती है। जब यह अम्ल अधिक बढ़ जाता है, तो यह रक्त को प्रभावित करता है। इस स्थिति से बचने के लिए आयुर्वेद में क्षारीय चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है।
लौकी, जो कि घरों में सब्जी, बर्फी और खीर बनाने में काम आती है, रक्त में अम्लीयता को कम करने में सहायक होती है। लौकी में आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, और विटामिन A, B, C, और E जैसे पोषक तत्व होते हैं। लौकी का सेवन शरीर में पानी की कमी को भी नहीं होने देता। हार्ट अटैक से बचने के लिए आयुर्वेद में लौकी के जूस के सेवन का सुझाव दिया गया है। इसके लिए लौकी का जूस बनाकर उसमें 7 से 10 तुलसी के पत्ते और कुछ पुदीने के पत्ते मिलाए जा सकते हैं। जूस से अपच की समस्या से बचने के लिए काला नमक या सेंधा नमक डाल सकते हैं।
लौकी के इस जूस का सेवन सुबह खाली पेट या नाश्ते के आधे घंटे बाद किया जा सकता है। इसे पीने से पेट ठंडा रहता है और पाचन में तेजी आती है, जिससे अम्ल की मात्रा कम होती है और रक्त भी शुद्ध रहता है। लौकी का जूस पूरे शरीर को डिटॉक्स करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।
लौकी का जूस वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C त्वचा और बालों को स्वस्थ रखते हैं।