क्या पेट से जुड़ी सभी बीमारियों के लिए लाभकारी है ईसबगोल? जानें लेने का सही तरीका

सारांश
Key Takeaways
- ईसबगोल पेट की सेहत के लिए लाभकारी है।
- इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है।
- ग्लूटेन-मुक्त और कम कैलोरी वाला है।
- कब्ज और पाचन समस्याओं में मदद करता है।
- वजन नियंत्रित करने में सहायक है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पेट हमारे शरीर का एक अनिवार्य अंग है, जो भोजन को पचाने और पाचन रस को पूरे शरीर में रक्त के माध्यम से पहुँचाने का कार्य करता है। पेट से जुड़ी कोई भी समस्या पूरे शरीर को प्रभावित करती है और यह धीरे-धीरे शरीर को बीमार करने लगती है। पेट की समस्याओं के लिए कई उपाय हैं, लेकिन ईसबगोल को पेट की ओवरऑल हेल्थ के लिए सबसे प्रभावी माना गया है।
आयुर्वेद में ईसबगोल को एक औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में देखा जाता है, जो पेट की समस्याओं के उपचार में सहायक होती है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज को रोकता है और हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
ईसबगोल ग्लूटेन-मुक्त और कम कैलोरी वाला होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए भी सुरक्षित है जो ग्लूटेन से एलर्जिक हैं। इसकी खेती मुख्यतः सूखे क्षेत्रों जैसे राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश में की जाती है। आयुर्वेद में इसे तीनों नाड़ियों को साफ करने वाला माना गया है। इसकी तासीर ठंडी होती है और विभिन्न चीजों के साथ लेने पर यह भिन्न-भिन्न तरीके से कार्य करता है।
ईसबगोल का उपयोग कब्ज, पाचन में सुधार, मल त्याग में कठिनाई, और आंतों को साफ करने के लिए किया जाता है। यदि पेट साफ रहता है, तो शरीर में हार्मोन संतुलन, रक्तचाप, हार्टबर्न, गैस, शुगर, और वजन नियंत्रित रहते हैं। आयुर्वेद में ईसबगोल लेने के कई तरीके बताए गए हैं। कब्ज, मल त्याग में समस्या और आंतों की सफाई के लिए इसे एक चम्मच नींबू और गर्म पानी के साथ मिलाकर लेना चाहिए। इससे पेट में जमा गंदगी साफ हो जाएगी।
यदि आप अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट एक चम्मच ईसबगोल को शहद के पानी में मिलाकर लें। नियमित सेवन से भूख कम लगेगी और पेट भरा हुआ महसूस होगा। हार्टबर्न या गैस की समस्या से राहत के लिए इसे ठंडे दूध के साथ लेना चाहिए, जिससे पेट ठंडा रहेगा। इसके अलावा, रक्त शुगर की समस्या के लिए आधा चम्मच दालचीनी के साथ एक चम्मच ईसबगोल लेना लाभकारी है।