क्या मसूड़ों की सूजन को नजरअंदाज करना सही है? इन आयुर्वेदिक नुस्खों से पाएं आराम
सारांश
Key Takeaways
- फिटकरी और सेंधा नमक का मंजन करें।
- सोंठ का सेवन करें।
- जली हुई सुपारी का प्रयोग करें।
- त्रिफला क्वाथ से गरारा करें।
- रोजाना तिल के तेल से ऑयल पुलिंग करें।
नई दिल्ली, 9 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुस्कान तब ही आकर्षक होती है जब दांत और मसूड़े दोनों स्वस्थ हों, लेकिन अगर मसूड़ों में सूजन, दर्द या खून आने लगे, तो यह जिंजीवाइटिस का संकेत है। यह समस्या आमतौर पर मुंह की सफाई में लापरवाही, बहुत गर्म या ठंडी चीजें खाने, सख्त वस्तु चबाने, विटामिन सी की कमी या धूम्रपान जैसी आदतों के कारण होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह रोग पित्त और रक्त दोष के बढ़ने से होता है, जिससे मसूड़ों के ऊतकों में सूजन और कमजोरी आ जाती है।
यदि समय पर ध्यान न दिया गया, तो यह मसूड़ों से खून आने, दांतों के हिलने या गिरने जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके लिए आयुर्वेद में कुछ प्रभावी और सरल घरेलू नुस्खे बताए गए हैं।
सबसे पहला उपाय है फिटकरी, सेंधा नमक, हरड़ और काली मिर्च का मंजन। इन सभी को समान मात्रा में कूटकर मंजन बना लें और रोज सुबह-शाम हल्के हाथों से मसूड़ों पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है और मसूड़े मजबूत होते हैं। दूसरा आसान उपाय है सोंठ (सूखी अदरक) का सेवन। तीन ग्राम सोंठ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लेने से सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है।
यदि मसूड़ों से खून आ रहा हो, तो जली हुई सुपारी का चूर्ण भी बहुत उपयोगी है। इसे मंजन की तरह उपयोग करें, इससे मसूड़े सख्त होते हैं और खून आना बंद होता है। इसके अलावा, सेंधा नमक और मीठा सोडा को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से तुरंत राहत मिलती है। प्याज का रस भी काफी फायदेमंद है। इसमें मौजूद सल्फर बैक्टीरिया को समाप्त करता है।
त्रिफला क्वाथ भी एक प्रभावी उपाय है। हरड़, बहेड़ा और आंवला को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं और उससे दिन में 2–3 बार गरारा करें। यह मसूड़ों की सूजन, दर्द और खून बहने की समस्या को समाप्त करता है।
रोजमर्रा की देखभाल के लिए सुबह-शाम ब्रश करने के बाद तिल के तेल से ऑयल पुलिंग करें। खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालें। मसालेदार और बहुत गर्म खाना खाने से बचें और पाचन को सही रखें, क्योंकि पेट की गड़बड़ी से भी मसूड़ों में सूजन बढ़ती है।