क्या मोरपंखी औषधीय गुणों से भरपूर खूबसूरत पौधा है, जो बीमारियों में राहत देता है?

सारांश
Key Takeaways
- मोरपंखी के औषधीय गुण स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
- इसके पत्तों का रस त्वचा की समस्याओं में मदद करता है।
- यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है।
- इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए सदियों से किया जाता रहा है। ऐसा ही एक अद्भुत पौधा है मोरपंखी, जिसे धरतूणी या ताम्रपर्णी भी कहते हैं। अपनी खूबसूरती के कारण यह पौधा घरों और बगीचों में सजाया जाता है, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे और भी खास बनाते हैं।
आयुर्वेद में मोरपंखी को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसकी पत्तियों का रस या पेस्ट त्वचा की जलन, घाव और एलर्जी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। यह त्वचा संक्रमण को रोकने में भी सहायक होता है। मोरपंखी की पत्तियों का उपयोग सूजन और दर्द को कम करने, विशेषकर गठिया और जोड़ों की समस्याओं में राहत के लिए किया जाता है।
आयुर्वेदाचार्य प्रमोद तिवारी ने मोरपंखी के लाभ गिनाते हुए कहा, "मोरपंखी का पौधा पाचन तंत्र के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसका अर्क अपच और पेट की सूजन को कम करता है। इसके पत्तों का रस बालों के लिए भी लाभकारी है। मोरपंखी का नियमित उपयोग रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रखता है, जो कि डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सर्दी-जुकाम जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है।"
उन्होंने यह भी बताया, "मोरपंखी के एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। मोरपंखी का उपयोग कई रूपों में किया जाता है। इसके पत्तों को पीसकर रस निकाला जाता है, पेस्ट बनाकर त्वचा और बालों पर लगाया जाता है, या इसे हर्बल चाय के रूप में सेवन किया जाता है।"
मोरपंखी न केवल सौंदर्य बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी एक वरदान है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मोरपंखी का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों को इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।