क्या मोटापा शरीर को बीमार बना देता है और उम्र कम कर देता है?

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क्या मोटापा शरीर को बीमार बना देता है और उम्र कम कर देता है?

सारांश

मोटापा न केवल शरीर को बीमार करता है, बल्कि यह उम्र को भी प्रभावित कर सकता है। जानिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल और आयुर्वेद के अनुसार मोटापे से बचने के उपाय।

Key Takeaways

  • मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  • आयुर्वेद में मोटापे के लिए कई उपाय हैं।
  • व्यायाम और संतुलित आहार जरूरी हैं।
  • दूध और चावल का सेवन कम करें।
  • फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन बढ़ाएं।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटापे के खिलाफ जागरूकता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि बढ़ता वजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मोटापे की स्थिति से कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है और अनदेखी करने पर ये जानलेवा बीमारियों में बदल सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर पाँचवाँ व्यक्ति मोटापे का शिकार है या इसकी ओर अग्रसर है। मोटापा हाई बीपी, दिल की समस्याएं, हड्डियों का कमजोर होना, थायराइड और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों को जन्म देता है। आयुर्वेद में मोटापे से बचने के लिए कई प्रभावी उपाय सुझाए गए हैं।

आयुर्वेद में मोटापे को कफ दोष से जोड़ा गया है। कफ दोष के कारण शरीर में वसा जमा होने लगता है और धीरे-धीरे मोटापा बढ़ता है। आयुर्वेद में कई औषधीय पौधों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि त्रिफला, ब्राह्मी, गार्सिनिया कैंबोगिया, कलौंजी, करी पत्तियां, हल्दी, पुदीना, मेथी, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च। इनका नियमित सेवन वजन कम करने में सहायक होता है।

त्रिफला पेट के लिए बहुत लाभकारी है। रात में त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और पोषक तत्वों को अवशोषित करता है। इसके अलावा, दालचीनी और मेथी चयापचय को दुरुस्त करने में सहायक होते हैं। इन्हें रात में भिगोकर सेवन किया जा सकता है।

कलौंजी मेटाबॉलिज्म को सही तरीके से काम करने में मदद करती है, जिससे भूख कम लगती है और शरीर में वसा नहीं जमा होती।

आयुर्वेद में कुछ सावधानियां भी दी गई हैं, जैसे कि जिनका वजन तेजी से बढ़ता है, उन्हें दूध और इसके उत्पादों से दूर रहना चाहिए और चावल का सेवन भी कम करना चाहिए। चावल में कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है, जो मोटापा और शुगर दोनों को बढ़ाते हैं। दोपहर और रात के खाने के बीच में भूख लगने पर फल या ड्राई फ्रूट का सेवन करें। चिप्स, कैफीन और डिब्बाबंद उत्पादों से दूर रहें।

इसके अलावा, अपनी जीवनशैली में व्यायाम और टहलने को प्राथमिकता दें।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम मोटापे की बढ़ती समस्या को गंभीरता से लें। सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की पहलें इस दिशा में सकारात्मक हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रयास आवश्यक हैं। हम सभी को अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की जरूरत है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

मोटापा क्या है?
मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में वसा का अत्यधिक संचय होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
मोटापे के कारण क्या हैं?
मोटापे के कारणों में अनहेल्दी डाइट, शारीरिक गतिविधियों की कमी, आनुवंशिकता और हार्मोनल असंतुलन शामिल हैं।
आयुर्वेद में मोटापे से बचने के उपाय क्या हैं?
आयुर्वेद में त्रिफला, दालचीनी, मेथी और कलौंजी जैसे औषधीय पौधों का सेवन मोटापे से बचने के लिए सुझावित किया गया है।
मोटापे का उपचार कैसे किया जा सकता है?
मोटापे का उपचार सही आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से किया जा सकता है।
क्या मोटापा जानलेवा हो सकता है?
हां, मोटापा विभिन्न जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे कि हृदय रोग, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप।