क्या मुल्तानी मिट्टी चेहरे से जुड़े हर मर्ज का इलाज है? जानें सही तरीका
सारांश
Key Takeaways
- मुल्तानी मिट्टी
- इसे सप्ताह में दो बार लगाना चाहिए।
- गुलाब जल और नीम के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें।
- मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना न भूलें।
- प्राकृतिक सामग्री के साथ मिलाकर इसके फायदों को बढ़ाएं।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, चेहरे पर कई प्रकार की समस्याएं उभरने लगती हैं। ऑयली या ड्राई स्किन के कारण चेहरे पर दाग-धब्बे और मुहांसे असुविधा पैदा करते हैं। ऐसे में केमिकल युक्त उत्पाद चेहरे को और भी नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, मुल्तानी मिट्टी को चेहरे के हर प्रकार के रोग का इलाज माना गया है। इसे सही तरीके से कैसे और किन चीजों के साथ मिलाकर उपयोग करना है, यह जानना बेहद आवश्यक है।
मुल्तानी मिट्टी को आयुर्वेद में मृत्तिका कहा जाता है और इसकी तासीर बेहद ठंडी होती है। आयुर्वेद में कई प्रकार की मिट्टियों का उपयोग किया जाता है, जैसे लाल मिट्टी, पीली मिट्टी, और सफेद मिट्टी, लेकिन चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने के लिए मुल्तानी मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसमें त्वचा से तेल और गंदगी को निकालने की क्षमता है और यह मुहांसे कम करने में मदद करती है।
यदि आपके चेहरे पर बहुत अधिक मुहांसे हैं, तो मुल्तानी मिट्टी को नीम के पाउडर और गुलाब जल के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और सप्ताह में दो बार लगाएं। इससे मुहांसे धीरे-धीरे कम होने लगेंगे और दाग भी हल्के हो जाएंगे। यदि ऑयली स्किन के कारण एक्ने की समस्या है, तो मुल्तानी मिट्टी को चंदन पाउडर और खीरे के रस के साथ मिलाकर लगाएं। यह चेहरे का ऑयल कम करेगा और त्वचा में निखार लाएगा।
गर्मियों में सनबर्न की समस्या आम होती है। यदि आपको सनबर्न हो गया है, तो टमाटर का रस और एलोवेरा जल के साथ मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर लगाएं। इससे आपकी त्वचा को ठंडक मिलेगी और जलन भी कम होगी। इसके अलावा, बढ़ती झुर्रियों को रोकने के लिए आंवला पाउडर और गुलाब जल के साथ मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर लगाएं। इससे त्वचा में कसाव आएगा और नई चमक मिलेगी।
ध्यान रखें कि मुल्तानी मिट्टी को सप्ताह में दो बार ही लगाना चाहिए और उसके बाद हमेशा चेहरे पर मॉइस्चराइज़र लगाना न भूलें, वरना आपकी त्वचा रूखी हो सकती है। इसके अलावा, आप चेहरे से संबंधित योग भी कर सकते हैं।