क्या नीली रोशनी और यूवी से बचाव में मददगार आंखों के 'नेचुरल फिल्टर' का खास ख्याल रखने का तरीका जानते हैं?

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क्या नीली रोशनी और यूवी से बचाव में मददगार आंखों के 'नेचुरल फिल्टर' का खास ख्याल रखने का तरीका जानते हैं?

सारांश

आंखों की सुरक्षा आज के डिजिटल युग में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ल्यूटीन और जेक्सैंथिन जैसे पोषक तत्व आपकी आंखों को हानिकारक रोशनी से बचाते हैं और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए।

Key Takeaways

  • ल्यूटीन और जेक्सैंथिन आंखों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • ये पोषक तत्व नीली रोशनी को फिल्टर करते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां इनका अच्छा स्रोत हैं।
  • इनकी कमी से आंखों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • रोजाना की डाइट में इन्हें शामिल करना जरूरी है।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल चाहे कार्यस्थल हो या घरेलू जिम्मेदारियां, जीवन मोबाइल, लैपटॉप और टीवी जैसी डिजिटल स्क्रीन के चारों ओर घूमता है। घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे थकान और सूखापन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इसलिये, आंखों की देखभाल अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।

ल्यूटीन और जेक्सैंथिन मैकुला (आंख के पीछे का हिस्सा) में जमा होकर हानिकारक रोशनी को फिल्टर करते हैं और उम्र संबंधी आंखों की बीमारियों से भी सुरक्षा करते हैं। विशेषज्ञों ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि ये पोषक तत्व आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

छोटे-छोटे बदलाव अपनाकर आंखों को बड़ी समस्याओं से आसानी से बचाया जा सकता है। खासकर ल्यूटीन और जेक्सैंथिन जैसे दो पोषक तत्व आंखों के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच का काम करते हैं। ये नीली रोशनी और हानिकारक किरणों को फिल्टर करके आंखों को नुकसान से बचाते हैं। लापरवाही करने से इनकी कमी हो सकती है।

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा कहती हैं कि आंखों की सुरक्षा के लिए ल्यूटीन और जेक्सैंथिन जरूरी हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि शरीर स्वयं इन पोषक तत्वों का निर्माण नहीं कर सकता, जैसे कि प्रोटीन बनाता है। इसलिए, ये हमें केवल खाने-पीने से ही मिलते हैं।

पूजा मखीजा के अनुसार, रोजाना लगभग 10 मिलीग्राम ल्यूटीन और 2 मिलीग्राम जेक्सैंथिन की आवश्यकता होती है। लेकिन अधिकांश लोगों की सामान्य डाइट में इनकी कमी रहती है, जिससे आंखों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

इन पोषक तत्वों के स्रोत में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं, जैसे केल और पालक, इनमें सबसे ज्यादा मात्रा में ये पोषक तत्व पाए जाते हैं। मक्का और नारंगी शिमला मिर्च भी इन पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं।

इसके अलावा, अंडे की जर्दी में भी ये मौजूद होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को रोजाना की डाइट में शामिल करने से आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रह सकती हैं। ब्रोकली में विटामिन सी और ल्यूटीन पाया जाता है, जो आंखों की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है। गाजर में बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो दृष्टि को तेज करता है और रतौंधी को रोकने में मदद करता है।

Point of View

खासकर डिजिटल युग में। विशेषज्ञों की सलाह अनुसार, ल्यूटीन और जेक्सैंथिन जैसे पोषक तत्वों का सेवन अत्यंत आवश्यक है। यह जानकारी सभी के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो अधिक समय स्क्रीन पर बिताते हैं।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

ल्यूटीन और जेक्सैंथिन क्या हैं?
ल्यूटीन और जेक्सैंथिन दो महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और हानिकारक रोशनी को फिल्टर करते हैं।
इन पोषक तत्वों की कमी से क्या होता है?
इनकी कमी से आंखों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, जैसे कि दृष्टि धुंधलापन और उम्र संबंधी आंखों की बीमारियां।
इनका प्राकृतिक स्रोत क्या है?
हरी पत्तेदार सब्जियां, मक्का, शिमला मिर्च और अंडे की जर्दी इनमें शामिल हैं।
क्या मैं इन्हें सप्लीमेंट के रूप में ले सकता हूँ?
जी हां, लेकिन प्राथमिकता हमेशा प्राकृतिक स्रोतों से लेना चाहिए।
क्या ये पोषक तत्व सभी के लिए जरूरी हैं?
हाँ, खासकर उन लोगों के लिए जो ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताते हैं।
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