क्या नॉन-एंटीबायोटिक दवाएं आंतों की सेहत को बिगाड़ सकती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गैर-एंटीबायोटिक दवाएं भी आंतों की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं।
- Aंटीबायोटिक दवाओं के समान, कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाएं भी संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
- गट माइक्रोबायोम की संरचना में बदलाव स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
- दवाओं के प्रभाव को समझना चिकित्सा में आवश्यक है।
- संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण हैं।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पहले यह समझा जाता था कि केवल एंटीबायोटिक दवाएं ही आंतों में पाए जाने वाले अच्छे सूक्ष्म जीवों के समूह, जिसे माइक्रोबायोम कहा जाता है, को नुकसान पहुंचाती हैं। लेकिन येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक नई रिसर्च में यह स्पष्ट हुआ है कि गैर-एंटीबायोटिक दवाएं भी आंतों की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ा सकती हैं।
इस अध्ययन में पाया गया कि आमतौर पर उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं न केवल माइक्रोबायोम की संरचना में परिवर्तन करती हैं, बल्कि शरीर को ऐसे एंटी-माइक्रोबियल तत्व उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करती हैं जो स्वयं के आंतों के बैक्टीरिया पर हमला करते हैं।
यह अध्ययन 'नेचर' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसके अनुसार, गट माइक्रोबायोम यह निर्धारित करने में भी मदद कर सकता है कि कौन से व्यक्ति किस दवा पर बेहतर प्रतिक्रिया देंगे और कौन से नहीं।
इस शोध में 10 लाख से अधिक लोगों का मेडिकल डाटा शामिल था। 10 साल पुरानी इस जानकारी का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 21 गैर-एंटीबायोटिक दवाएं चुनीं, जिनका गहन अध्ययन किया गया।
इनमें से लगभग आधी दवाएं आंतों के माइक्रोबायोम की संरचना में परिवर्तन से जुड़ी पाई गईं। ये 4 दवाएं हैं: डिगोक्सिन (हृदय रोग की दवा), क्लोनाजेपाम (मिर्गी और चिंता के लिए), पैंटोप्राजोल (एसिडिटी के लिए), और क्वेटियापिन (मनोवैज्ञानिक समस्याओं की दवा)।
यह सभी दवाएं संक्रमण के जोखिम को बढ़ाने से संबंधित पाई गईं।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के माइक्रोबियल पैथोजेनेसिस विभाग के प्रो. एंड्रयू गुडमैन ने कहा, “हमने देखा कि कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाएं संक्रमण का उतना ही जोखिम उत्पन्न करती हैं जितना कि एंटीबायोटिक दवाएं।”
शोधकर्ताओं का मानना है कि गट माइक्रोबायोम की समझ और उसका संतुलन बनाए रखना न केवल बेहतर दवा प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संक्रमण से सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
–राष्ट्र प्रेस
जेपी/डीकेपी