क्या यूरिन में प्रोटीन का निकलना खतरनाक है? जानें आयुर्वेद में राहत पाने के उपाय
सारांश
Key Takeaways
- प्रोटीन्यूरिया
- आयुर्वेदिक उपाय
- संतुलित आहारहाइड्रेशन
- लक्षणों
- किडनी स्वास्थ्य
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मांसपेशियों के विकास और मस्तिष्क के लिए प्रोटीन आवश्यक होता है। शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए हम दाल, पनीर, सोयाबीन या मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं।
लेकिन अगर शरीर में मौजूद प्रोटीन यूरिन के रास्ते बाहर निकलने लगे, तो क्या होगा? इस स्थिति को प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है, जो आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में एक गंभीर समस्या मानी जाती है।
जब किडनी में कोई समस्या होती है, तो पानी को छानने के दौरान किडनी निर्धारित मात्रा से अधिक प्रोटीन मूत्र में छोड़ देती है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद में इस स्थिति को वात और कफ के बढ़ने से जोड़ा गया है। यह स्थिति किडनी और अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है।
प्रोटीन्यूरिया के समय शरीर कई संकेत देता है, जैसे पेशाब का अत्यधिक पीला और झागदार होना, यूरिन मार्ग में संक्रमण, आंखों और पैरों में सूजन, और किडनी पर सूजन। इसके साथ बुखार भी हो सकता है। आयुर्वेदिक उपायों के माध्यम से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
प्रोटीन्यूरिया से बचने के लिए किडनी का स्वस्थ रहना आवश्यक है। इसके लिए पुनर्नवा चूर्ण या रस का सेवन सुबह खाली पेट किया जा सकता है। गोखरू चूर्ण भी इस स्थिति में लाभकारी है, जो किडनी की सूजन को कम करता है।
इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण का सेवन भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह पाचन को सुधारता है और किडनी पर वर्कलोड कम करता है। आहार में बदलाव करना भी आवश्यक है, जैसे कि कम नमक वाले भोजन का सेवन करना। लौकी, तोरी, टिंडा और मूंग दाल का सेवन अधिक मात्रा में करें। इससे शरीर में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा बनी रहती है।