क्या थायरॉइड से वजन बढ़ने का संबंध है? जानिए कारण और समाधान

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क्या थायरॉइड से वजन बढ़ने का संबंध है? जानिए कारण और समाधान

सारांश

क्या थायरॉइड वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है? जानिए इसके पीछे की वजहें और आयुर्वेद से उपाय। वजन नियंत्रित करने के लिए सरल और प्रभावी तरीके यहां दिए गए हैं।

Key Takeaways

  • थायरॉइड और वजन में संबंध को समझना आवश्यक है।
  • आयुर्वेद में प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं।
  • योग से थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय किया जा सकता है।
  • सही आहार का पालन करें।
  • तनाव प्रबंधन और नींद का ध्यान रखें।

नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आपने अक्सर सुना होगा कि थायरॉइड की वजह से किसी का वजन बढ़ गया हो या वजन कम नहीं हो रहा हो, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का असली कारण क्या है और कैसे वजन को नियंत्रित किया जा सकता है? आइए आयुर्वेद से जानते हैं।

थायरॉइड हमारे गले में मौजूद एक छोटी-सी ग्रंथि है, लेकिन इसका कार्य बहुत बड़ा है। यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म यानी ऊर्जा और पाचन की गति को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती, तो इसे हाइपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर की मेटाबॉलिक गति धीमी हो जाती है, वसा जलने की प्रक्रिया कम हो जाती है और धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है।

आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या कफ और वात दोष के असंतुलन से जुड़ी होती है, जिससे शरीर में भारीपन, सुस्ती और जल का संचय बढ़ जाता है।

आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जो थायरॉइड को संतुलित कर मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं। सबसे पहले आता है त्रिकटु चूर्ण, जिसमें सोंठ, काली मिर्च और पिप्पली होती है। ये तीनों मिलकर पाचन शक्ति बढ़ाते हैं और जमी हुई चर्बी को गलाने में मदद करते हैं। इसे आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम लिया जा सकता है।

इसके बाद कांचनार गुग्गुलु एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है, जो थायरॉइड ग्रंथि की सूजन घटाती है और हार्मोन स्राव को संतुलित करती है। इसे डॉक्टर की सलाह से रोज 1-2 गोली ली जा सकती है।

थायरॉइड में त्रिफला चूर्ण भी बहुत असरदार है। यह आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है, जो शरीर की सफाई कर वजन कम करने में मदद करता है। इसे रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें। गुग्गुलु कल्प और गिलोय-नीम का रस शरीर में कफ कम करते हैं और हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं। इनसे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

घरेलू उपायों में धनिया पानी बहुत लोकप्रिय है। रातभर भिगोए धनिए को सुबह उबालकर उसका गुनगुना पानी पीने से थायरॉइड हार्मोन का स्राव सुधरता है और सूजन कम होती है। सुबह लेमन-हनी वाटर यानी नींबू और शहद वाला गुनगुना पानी पीना भी वजन घटाने के लिए फायदेमंद है।

थायरॉइड के मरीजों के लिए योग बहुत जरूरी है। सर्वांगासन, मत्स्यासन, भुजंगासन, धनुरासन, उज्जायी प्राणायाम और कपालभाति जैसे आसन थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करते हैं और रक्तसंचार में सुधार करते हैं।

आहार में सात्त्विक और गर्म तासीर वाले पदार्थ रखें, जैसे मूंग, लहसुन, अदरक, मेथीदाना, दालचीनी और सूप। ठंडी, मीठी और तली हुई चीजें बिल्कुल न खाएं। पर्याप्त नींद लें, तनाव कम करें और रोज 30 मिनट टहलना न भूलें।

Point of View

थायरॉइड और वजन का संबंध एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा है। यह समस्याएं न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में भी एक बढ़ती हुई चिंता का कारण बन रही हैं। आयुर्वेद के माध्यम से प्राकृतिक उपायों को अपनाना एक सार्थक विकल्प हो सकता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या थायरॉइड से वजन बढ़ता है?
हाँ, थायरॉइड ग्रंथि की समस्याएं वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं।
आयुर्वेद में थायरॉइड के लिए कौन से उपाय हैं?
त्रिकटु चूर्ण, कांचनार गुग्गुलु और धनिया पानी जैसे उपाय प्रभावी हैं।
क्या योग थायरॉइड के लिए फायदेमंद है?
योग आसनों से थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय किया जा सकता है।
कौन सी चीजें थायरॉइड के मरीजों को नहीं खानी चाहिए?
ठंडी, मीठी और तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए।
क्या नींद का थायरॉइड पर असर होता है?
हाँ, पर्याप्त नींद लेना थायरॉइड स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।