क्या प्रसव के समय मां का होता है पुनर्जन्म? खास देखभाल करना है जरूरी
सारांश
Key Takeaways
- प्रसव के समय मां को 200 हड्डियों के टूटने के बराबर दर्द होता है।
- प्रसव के बाद मां के शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी होती है।
- आयुर्वेद में प्रसवोत्तर काल को सूतिकाकाल कहते हैं।
- मां को हल्का और पौष्टिक खाना, तेल मालिश और आराम की जरूरत होती है।
- आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की कमी को पूरा करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब एक नवजात शिशु को जन्म दिया जाता है, तो मां को अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि इस प्रक्रिया के दौरान मां को एक साथ 200 हड्डियों के टूटने के समान दर्द होता है।
शिशु को जन्म देने के बाद मां के शरीर में शारीरिक परिवर्तन तो होते हैं ही, बल्कि मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। इस दौरान मां को स्वस्थ होने में काफी समय लग सकता है और उसके शरीर में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। आज हम जानेंगे कि प्रसव के बाद एक मां की देखभाल कैसे की जानी चाहिए।
आयुर्वेद में प्रसवोत्तर काल को “सूतिकाकाल” कहा जाता है, जिसमें मां को 45 दिनों का पूरा आराम दिया जाता है और इसे पुनर्जन्म काल भी माना जाता है। इस समय मां को शिशु के समान ही देखभाल की आवश्यकता होती है। मां को हल्का और पौष्टिक खाना, तेल से मालिश और भरपूर आराम की आवश्यकता होती है। शिशु को जन्म देने के बाद मां के शरीर में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन डी और अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इनकी पूर्ति आवश्यक है।
आइए सबसे पहले आयरन की कमी पर चर्चा करें। डिलीवरी के समय मां के शरीर से अधिक रक्त बहता है, जिससे खून की कमी हो जाती है। ऐसे में गुड़, चुकंदर, पालक और अनार का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स जैसे पुनर्नवा मंडूर और लौह भस्म का उपयोग भी किया जा सकता है।
कैल्शियम की कमी से मां की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। स्तनपान के दौरान शरीर का सारा कैल्शियम शिशु ले लेता है। इसलिए मूंगफली, दूध, छैना और तिल का सेवन करना आवश्यक है। इसके साथ ही शंख भस्म और अश्वगंधा लेह्य का सेवन भी लाभकारी होगा।
प्रसव के बाद मां में थकान और कमजोरी महसूस होती है, जो बी12 की कमी को दर्शाता है। इसके लिए अंडे, दूध और दही का सेवन करना चाहिए और त्रिफला घृत का सेवन भी फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा, मां के शरीर में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड की भी आवश्यकता होती है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं। इसके लिए मूंग दाल, दूध और अंडे का सेवन करना चाहिए, साथ ही घी, बादाम और मूंग की दाल भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।