क्या राजस्थान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने तीन फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने मेडिकल फ्रॉड का पर्दाफाश किया।
- तीन फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार हुए हैं।
- नकली दस्तावेजों का उपयोग कर इंटर्नशिप प्राप्त की गई।
- स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठता है।
- जांच प्रणाली को सख्त करने की आवश्यकता है।
जयपुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक बड़े मेडिकल फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिससे राजस्थान में हेल्थकेयर सिस्टम में गैर-कानूनी तरीके से घुसने की खतरनाक कोशिश का पता चला है।
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एसओजी) विशाल बंसल ने तीन लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की, जो जरूरी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजीई) में फेल होने के बावजूद, नकली डॉक्यूमेंट्स का उपयोग करके सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप पाने में सफल रहे।
बंसल के अनुसार, यह रैकेट तब उजागर हुआ जब एसओजी को खुफिया जानकारी मिली कि आरोपियों में से एक डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी ने कथित तौर पर एक क्रिमिनल नेटवर्क की मदद से नकली एफएमजीई क्वालिफिकेशन सर्टिफिकेट प्राप्त किया था।
इसके बाद, इस नकली सर्टिफिकेट के माध्यम से उसने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से स्वीकृति प्राप्त की और बाद में करौली के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप के लिए स्थान हासिल किया।
धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि पीयूष ने जॉर्जिया से एमबीबीएस की पढ़ाई की, लेकिन एफएमजीई परीक्षा में तीन बार असफल रहा। विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
बार-बार असफल होने के बाद, उसने कथित तौर पर अपने जान-पहचान वाले डॉ. देवेंद्र सिंह गुर्जर से संपर्क किया, जिसने डॉ. शुभम गुर्जर और अन्य साथियों के साथ मिलकर 16 लाख रुपए के बदले नकली एफएमजीई क्लीयरेंस और एनएमसी रजिस्ट्रेशन दिलाने में सहायता की।