क्या आप जानते हैं शिशु सुरक्षा दिवस 2025 के बारे में? गलत धारणाओं से रहें सावधान, ऐसे रखें बच्चे का ख्याल

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क्या आप जानते हैं शिशु सुरक्षा दिवस 2025 के बारे में? गलत धारणाओं से रहें सावधान, ऐसे रखें बच्चे का ख्याल

सारांश

7 नवंबर को मनाया जाने वाला 'इन्फेंट प्रोटेक्शन डे' नवजात बच्चों की सुरक्षा और देखभाल पर ध्यान केंद्रित करता है। सही जानकारी के बिना माता-पिता कई गलत धारणाओं का शिकार बन सकते हैं। जानें, कैसे अपनी संतान की देखभाल करें और इन मिथकों से बचें।

Key Takeaways

  • बच्चों को जन्म के बाद केवल मां का दूध दें।
  • उलनाल को साफ रखें, कुछ न लगाएं।
  • बच्चों को नहलाना हमेशा फायदेमंद होता है।
  • काजल का उपयोग न करें।
  • डायरिया में मां का दूध जारी रखें।

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल 7 नवंबर को ‘इन्फेंट प्रोटेक्शन डे’ (शिशु सुरक्षा दिवस) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य नवजात बच्चों की सेहत और देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यह दिन 1990 से मनाया जा रहा है और इसकी शुरुआत यूरोपीय देशों में हुई थी, जब शिशुओं की मृत्यु दर बहुत ज्यादा थी। इसलिए माता-पिता को यह बताना आवश्यक था कि नवजात बच्चों की सही देखभाल कैसे करनी चाहिए ताकि उनकी जिंदगी सुरक्षित रह सके।

डॉ. मीरा पाठक ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि जन्म के बाद बच्चे के संदर्भ में कई मिथक समाज में प्रचलित हैं, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पहला मिथक यह है कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को शहद देना अच्छा होता है, जबकि यह बेहद खतरनाक है। शहद में ऐसे टॉक्सिन्स होते हैं जो बच्चे की आंतों में इंफेक्शन कर सकते हैं, इसलिए जन्म के बाद केवल मां का दूध देना चाहिए।

दूसरा मिथक यह है कि लोग बच्चे की उलनाल पर राख, हल्दी या घी लगाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। उलनाल को हमेशा साफ और सूखा रखना चाहिए, अन्यथा इंफेक्शन हो सकता है।

तीसरा मिथक है कि बच्चे के कान या नाक में सरसों का तेल डालना चाहिए, जिससे ठंड या इंफेक्शन न हो। हकीकत में इससे बच्चे को कान, नाक और फेफड़ों का इंफेक्शन हो सकता है।

चौथा मिथक यह है कि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध गंदा होता है और उसे फेंक देना चाहिए, जबकि यही दूध बच्चे के लिए सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है।

एक और धारणा यह है कि गर्मियों में बच्चे को ऊपर से पानी या घुट्टी देना चाहिए। यह गलत है। छह महीने तक बच्चे को केवल मां का दूध ही देना चाहिए।

जब बच्चे को डायरिया हो, तो लोग कहते हैं कि उसे कुछ नहीं खिलाना चाहिए। ऐसा करने से बच्चा डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है।

इसके अलावा, कई लोग बच्चे की आंखों में काजल लगाते हैं। आजकल के काजल में केमिकल होते हैं, जो बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

कुछ लोग मानते हैं कि टीका लगने के बाद बच्चे को नहलाना नहीं चाहिए, जबकि साफ-सुथरा रहना हमेशा फायदेमंद होता है। नहलाने से बच्चे को आराम मिलता है।

Point of View

NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या जन्म के तुरंत बाद बच्चे को शहद देना सही है?
नहीं, जन्म के तुरंत बाद बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए। शहद में टॉक्सिन्स होते हैं जो हानिकारक हो सकते हैं।
बच्चे की उलनाल की देखभाल कैसे करें?
उलनाल को हमेशा साफ और सूखा रखना चाहिए। उसमें किसी भी प्रकार की चीजें नहीं लगानी चाहिए।
क्या बच्चे को टीका लगने के बाद नहलाना चाहिए?
जी हां, बच्चे को नहलाना हमेशा फायदेमंद होता है। यह संक्रमण को कम करता है।
बच्चे को डायरिया में क्या देना चाहिए?
बच्चे को मां का दूध या हल्का तरल पदार्थ देना चाहिए, ताकि वह डिहाइड्रेशन से बच सके।
बच्चों की आंखों में काजल लगाना सही है?
नहीं, आजकल के काजल में केमिकल होते हैं, जो बच्चों की आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।